प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत की ताकत, दुनिया को दिखा रहे हैं

<strong>प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत की ताकत, दुनिया को दिखा रहे हैं</strong>

– पंडित अजॉय चक्रवर्ती        सबसे पहले, मैं कुछ विनम्र शब्दों में कहना चाहता हूं कि महान राजनेताओं की एक लंबी सूची रही है, जो हमारे देश के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हुए। लेकिन, ऐसा लगता है कि उनमें से किसी ने भी उस रूप में पद नहीं संभाला, जैसा श्री नरेन्द्र मोदी ने […]

‘स्टैंड अप इंडिया’ – 7 साल के नए आयाम, नए कीर्तिमान

<strong>‘स्टैंड अप इंडिया’ – 7 साल के नए आयाम, नए कीर्तिमान</strong>

 लेखक – वीरेंद्र सिंह रावत, वरिष्ठ पत्रकार  भारत जैसे विशाल एवं प्रगतिशील लोकतंत्र में जन कल्याण के व्यापक उत्थान हेतु अनेक सरकारी योजनाओं का क्रियान्वन किया गया है जिससे समाज के प्रत्येक तबके का समग्र विकास हो सके।  इन सरकारी योजनाओं का मुख्य उद्देश्य आम लोगों खासकर प्रगतिशील युवाओं को रोजगार और समसामयिक जीवन यापन के […]

जी-20: सतत जलवायु के लिए जल संरक्षण

जी-20: सतत जलवायु के लिए जल संरक्षण

-श्री पंकज कुमार, सचिव, जल संसाधन विभाग भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को इंडोनेशिया से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की। जी-20 नेतृत्व, देश को ग्लोबल वार्मिंग, भोजन और ऊर्जा की कमी, आतंकवाद, भू-राजनीतिक संघर्ष और डिजिटल अंतर को कम करने समेत विभिन्न आकस्मिक स्थितियों से मुकाबला करने के लिए दुनिया को “भारत के प्रयास तथा […]

भारत का अनूठा ऊर्जा परिदृश्य

भारत का अनूठा ऊर्जा परिदृश्य

-श्री हरदीप एस पुरीबीपी ऊर्जा के पूर्वानुमानों और आईईए अनुमानों के अनुसारए बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप मेंय भारत कीए 2020.2040 के बीच वैश्विक ऊर्जा मांग वृद्धि में हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत होगी।यह अपरिहार्य है कि हम अपनी बड़ी आबादी के लिए ऊर्जा तक पहुंचए […]

वनों में आग का बढ़ता खतरा: भारत के वनों की स्थिति

<strong>वनों में आग का बढ़ता खतरा: भारत के वनों की स्थिति</strong><strong></strong>

-श्री बिवाश रंजन जीवन के प्रमुख तत्वों में से एक, आग समाज में और मानवता के समग्र अस्तित्व के लिए एक अभिन्न भूमिका निभाती है। आग वन पर्यावरण का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह स्वस्थ वनों को संरक्षित करने, पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण, पुनर्विकास की प्रक्रिया में वृक्ष की प्रजातियों की मदद करने, विदेशी एवं आक्रामक प्रजातियों […]

अग्रणी महिलाएं, ग्रामीण भारत में बदलाव की सूत्रधार हैं

<strong>अग्रणी महिलाएं, ग्रामीण भारत में बदलाव की सूत्रधार हैं</strong>

ग्रामीण भारत में अग्रणी महिलाएं, समुदायों के व्यवहार में परिवर्तन लाकर स्वच्छ भारत निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं और दूसरों को भी अपने जैसा बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं।       यह नारी सशक्तिकरण का युग है। यह वास्तव में हमारे लिए अपने समाज में महिलाओं की शक्ति को पहचानने और स्वीकार […]

रेलवे – पूर्वोत्तर भारत के नए विकास का इंजन

<strong>रेलवे – पूर्वोत्तर भारत के नए विकास का इंजन</strong>

डिब्रू-सादिया रेलवे के पहले लोकोमोटिव ने 1882 में ब्रह्मपुत्र के साथ दूर के चाय-बागानों को जोड़ा, ताकि वस्तुएं अंततः कोलकाता तक पहुंच सकें। दशकों बाद, रेलवे डिब्रूगढ़ से कोलकाता तक यात्रा की अवधि को 15 दिनों से घटाकर 24 घंटे तक करने में सफल रहा है। हालांकि, 2014 तक, पूर्वोत्तर में रेलवे की सेवाएं मुख्य रूप से वर्तमान के […]

“पूर्वोत्तर के कार्य तेजी से और सबसे पहले करें!”– बजट 2023-24 की अंतर्दृष्टि

“पूर्वोत्तर के कार्य तेजी से और सबसे पहले करें!”– बजट 2023-24 की अंतर्दृष्टि

– जी किशन रेड्डी भारत सरकार में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, पर्यटन और संस्कृति मंत्री नौ साल पहले जनादेश मिलने के बाद, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने “कर्म परमो धर्मः” के दर्शन का अनुकरण किया, जो कठिन परिश्रम और ईमानदार इरादे के साथ कड़ी मेहनत करने से सम्बन्धित है। इस बात […]

जी-20 ऊर्जा कार्यसमूह: मुख्य बातें

जी-20 ऊर्जा कार्यसमूह: मुख्य बातें

श्री अलोक कुमार, सचिव, विद्युत मंत्रालय बेंगलुरु में ऊर्जा के हरित स्रोतों को अपनाने से जुड़ी कार्यसमूह की पहली बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई। 18 सदस्य देशों, 9 विशेष आमंत्रित देशों और 15 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 110 से अधिक प्रतिनिधियों ने इस पहली बैठक में भाग लिया।अध्यक्ष के रूप में भारत ने ऊर्जा के हरित स्रोतों को अपनाने से जुड़ी अपनी उपलब्धियों और भारत सरकार […]

बजट: वादों को पूरा करने का एक साधन

<strong>बजट: वादों को पूरा करने का एक साधन</strong>

करण भसीन ऑपइंडिया में राजनीतिक अर्थशास्त्री वादे, भारतीय राजनीति की एक सर्वोत्कृष्ट विशेषता रहे हैं। इन वादों में से कई पूरे होते हैं, तो कई अधूरे रह जाते हैं। घोषणापत्र, सरकारी कार्यक्रम और यहां तक कि बजट की कवायद भी चुनावी राजनीति या गठबंधन की मजबूरियों का शिकार रहीं हैं, जिसके लिए ऐसे वादों की जरूरत होती है, जिन्हें तोड़ा […]