-श्री हरदीप एस पुरी
बीपी ऊर्जा के पूर्वानुमानों और आईईए अनुमानों के अनुसारए बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप मेंय भारत कीए 2020.2040 के बीच वैश्विक ऊर्जा मांग वृद्धि में हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत होगी।यह अपरिहार्य है कि हम अपनी बड़ी आबादी के लिए ऊर्जा तक पहुंचए उपलब्धता और इसे किफायती बनाये रखना सुनिश्चित करें। यह हमारी स्थिति को अद्वितीय बनाता है और इसी बात पर हमारी ऊर्जा रणनीति भी आधारित हैए जिसे अब दुनिया भर में व्यावहारिक और संतुलित माना जाता है।
भारत ऐसा करने में कैसे सफल रहा हैघ्
यूण्एसण्ए कनाडाए स्पेन और यूके में पेट्रोल व डीजल की कीमतें 35.40 प्रतिशत तक बढ़ गईंए लेकिन कच्चे तेल की अपनी आवश्यकताओं का 85 प्रतिशत तथा प्राकृतिक गैस की अपनी आवश्यकताओं का 55 प्रतिशत से अधिक आयात करने के बावजूदए भारत में डीजल की कीमतों में पिछले 1 साल में कमी दर्ज की गयी है। जब हमारे पड़ोस के कई देशों में मांग को प्रबंधित करने के लिए बिजली कटौती हो रही थी तथा पेट्रोल और डीजल की भारी किल्लत थीए तो भारत मेंए यहां तक कि बाढ़ व प्राकृतिक आपदा जैसी स्थिति में भीए कहीं भी ईंधन की कोई कमी नहीं थी।यह हमारे नागरिकों के लिए ऊर्जा न्याय सुनिश्चित करने के प्रति माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के विज़न के कारण संभव हुआ है। केंद्र और कई बीजेपी शासित राज्यों ने उत्पाद शुल्क और वैट दरों में दो बार भारी कटौती की घोषणा की। अच्छे कॉर्पोरेट नागरिक होने का परिचय देते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने भारी नुकसान को सहन कियाए ताकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में भारी बढ़ोतरी का भार भारतीय उपभोक्ताओं पर न पड़े। हमारे सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा घरेलू गैस के अपने खुद के उपयोग को कम करने की कीमत पर भीए शहरी गैस वितरण क्षेत्र के लिए सब्सिडी वाली एपीएम गैस की आपूर्ति में भारी वृद्धि की गई। घरेलू उपभोक्ताओं को नज़रअंदाज कर रिफाइनरों और उत्पादकों द्वारा मुनाफा कमाने से रोकने के लिएय पेट्रोलए डीजल और एटीएफ पर निर्यात उपकर और घरेलू उत्पादित पेट्रोलियम उत्पादों पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया।इन वर्षों मेंए भारत ने कच्चे तेल के आपूर्तिकर्ताओं के अपने नेटवर्क का विस्तार किया हैए जिसमें अब 39 देश शामिल हैंए जो पहले 27 देशों तक सीमित था। भारत ने कच्चे तेल की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ;पिछले 4 वर्षों में ऊर्जा व्यापार 13 गुना बढ़ गया हैद्ध और रूस जैसे देशों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत किया है। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े आयातक के रूप में इस रणनीतिक बाजार कार्ड ने न केवल भारतीय उपभोक्ताओं के लिए किफायती ऊर्जा सुनिश्चित कीए बल्कि वैश्विक पेट्रोलियम बाजारों पर भी शांतिपूर्ण प्रभाव डाला।जिस तथ्य पर ध्यान दिया जाना चाहिएए वह यह है कि भारत द्वारा कुछ देशों से पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद ने वास्तव मेंए लगभग 98.100 मिलियन बैरलध्दिन की वैश्विक मांग और आपूर्ति को संतुलित रखा हैए जिससे वैश्विक मूल्य श्रृंखला के लिए तेल की कीमतों को नियंत्रण में रखना संभव हुआ है। अगर ऐसा नहीं किया गया होताए तो वैश्विक कीमतें 300 डॉलरध्बैरल तक पहुंच गई होतीं!हम पारंपरिक ईंधन अन्वेषण और ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तनए दोनों पर काम कर रहे हैं। भारत को एक आकर्षक ई एंड पी केंद्र बनाने के लिए हमारे सुधारय परामर्श प्रदाता कंपनी वुड मैकेंज़ी की रिपोर्ट में परिलक्षित होते हैंए जिसमें कहा गया है कि भारत 2023 का लाइसेंसिंग वाइल्डकार्ड हो सकता है। भारतए 2025 तकए अन्वेषण के तहत अपने शुद्ध भौगोलिक क्षेत्र को 8 प्रतिशत ;0ण्25 मिलियन वर्ग किमीद्ध से बढ़ाकर 15 प्रतिशत ;0ण्5 मिलियन वर्ग किमीद्ध तक करना चाहता है और हमारे विशेष आर्थिक क्षेत्र ;ईईजेडद्ध में निषिद्धध्इस्तेमाल नहीं वाले क्षेत्रों को 99 प्रतिशत तक कम कर दिया गया हैए जिससे अन्वेषण के लिए लगभग 1 मिलियन वर्ग किमी अतिरिक्त क्षेत्र की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।जैसा मोदी जी ने ग्लासगो में वक्तव्य दिया थाए हम अपने जलवायु स्रोतों के परिवर्तन से जुड़ी प्रतिबद्धताओं को लेकर दृढ़ हैं. जिसमें 2070 तक उत्सर्जन में नेट.जीरो का लक्ष्य हासिल करना और 2030 के अंत तक उत्सर्जन में 1 बिलियन टन की कटौती करना शामिल है।जीवन स्तर के बेहतर होने और तेजी से शहरीकरण के अनुरूपए हम अपने पेट्रोकेमिकल उत्पादन का भी तेजी से विस्तार कर रहे हैं। भारत पेट्रोलियम उत्पादों का एक वैश्विक निर्यातक है और इसकी रिफाइनिंग क्षमता संयुक्त राज्य अमेरिकाए चीन और रूस के बाद दुनिया में चौथी सबसे बड़ी है। 2040 तक इस क्षमता को 450 एमएमटी तक बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। रिफाइनिंग क्षमता विस्तार भीए अंतर्राष्ट्रीय तेल कीमतों में पिछले वर्ष हुए उतार.चढ़ाव के दौरानए ईंधन की कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित करने वाले प्रमुख कारकों में से एक था।भारत 2030 तक गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 6ण्3 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करके गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के अपने प्रयासों में भी तेजी ला रहा है। भारत ने पिछले नौ वर्षों में 9ण्5 करोड़ से अधिक परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन की सुविधा वाले परिवारों में शामिल किया है। पीएनजी कनेक्शन 2014 के 22ण्28 लाख से बढ़कर 2023 में 1 करोड़ से अधिक हो गए हैं। भारत में सीएनजी स्टेशनों की संख्या 2014 के 938 से बढ़कर 2023 में 4900 हो गई है। भारत ने अपने गैस पाइपलाइन नेटवर्क की लंबाईए 2014 के 14ए700 किलोमीटर से 2023 में 22ए000 किलोमीटर तक बढ़ा दी है।हाल ही में समाप्त हुए भारत ऊर्जा सप्ताह 2023 मेंए माननीय प्रधानमंत्री द्वारा ई20ए यानि 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित गैसोलीन लॉन्च किया गया। इसके साथए भारत ने अपनी जैव ईंधन क्रांति में एक महत्वपूर्ण कदम उठायाए जिसे 15 शहरों में शुरू करकेए अगले दो वर्षों में पूरे देश में विस्तारित किया जाएगा। भारत का इथेनॉल मिश्रित गैसोलीन 2013.14 के 1ण्53 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 10ण्17 प्रतिशत हो गया है। अब भारत पांचए दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल भी स्थापित कर रहा हैए जो कृषि अपशिष्ट को जैव ईंधन में परिवर्तित कर सकते हैंए जिससे पराली जलाने के कारण प्रदूषण कम होगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।देश में संपूर्ण हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम विकसित करने के लिए 19ए744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया गया हैए जो 4 मीट्रिक टन वार्षिक हरित हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में भारत के प्रयासों में तेजी लाएगा और 2030 तक संचयी जीवाश्म ईंधन आयात में 1 लाख करोड़ रुपये तक की बचत करेगा। भारत 2030 तक हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम विकसित करने के क्रम में अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए तैयार है।अपनी ऊर्जा रणनीति की तरहए हम भारत के भविष्य के परिवहन क्षेत्र को बदलने के लिए एक एकीकृत मार्ग अपना रहे हैं। इसलिएए हरित हाइड्रोजन और जैव ईंधन के साथए भारत ने 50 गीगावाट घंटे के उन्नत रसायन सेल बनाने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना शुरू की हैए जिसके माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों को समर्थन दिया जा रहा है। इस क्षेत्र के लिए व्यावहारिक अंतर वित्तपोषण और सीमा शुल्क छूट की भी घोषणा की गयी है। हमनेए मई 2024 तक 22ए000 रिटेल आउटलेट्स पर वैकल्पिक ईंधन स्टेशनों ;ईवी चार्जिंगध् सीएनजीध्एलपीजीध्एलएनजीध्सीबीजी आदिद्ध की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया है।हम अपने अमृत काल के लक्ष्यए 2047 तक 26 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हम माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के विज़न के अनुरूप ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए एक अद्वितीय रणनीति लागू कर रहे हैं।
लेखकए केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हैं।