अकीदत व एहतेराम के साथ निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी

रुपईडीहा, बहराइच। दुनिया भर में इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद साहब का जन्म दिवस बड़ी अकीदत जोश खरोश के साथ मनाया गया। भारत नेपाल सीमा के रुपईडीहा और आसपास तथा पड़ोसी नेपालगंज में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने अपने घरों को सजा रखा है। इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर नगरीय क्षेत्र में जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। नगर के बीचो बीच स्थित बड़ी मस्जिद से जुलूस निकलकर बाजार से होता हुआ नेशनल हाईवे स्थित नई बस्ती तक जाकर वापस विभिन्न मोहल्लों मुस्लिम बाग रुपईडीहा गांव बरथनवा आदि स्थानों का भ्रमण करता हुआ वापस बड़ी मस्जिद पर आकर संपन्न हुआ। इसके पूर्व बारह रबीउल अव्वल की पूर्व संध्या पर बड़ी मस्जिद के सामने एक जलसे का आयोजन किया गया। जिसमें मुम्बई से तशरीफ लाए मौलाना जमाल अख्तर सदफ ने मोहम्मद साहब की सीरत बयान करते हुए मोहम्मद साहब के उसूलों पर चलने की अपील की। मोहम्मद साहब पूरी कायनात के लिए रहमतुललीलआलेमिन बनाकर भेजे गये हैं। मौलाना ने कहा कि भूखों को खाना खिलाना प्यासों को पानी पिलाना इस्लाम का अहम हिस्सा है। इस संदर्भ में उन्होंने एक हदीस को कोड करते हुए बताया कि 40 घर आगे व 40 घर पीछे 40 घर दाएं व 40 घर बाएं यह तुम्हारा पड़ोस है। इन घरों में कोई भूखा व प्यासा न रहे चाहे वह जिस जाति या मजहब का हो। इसके पूर्व शोराय इकराम, जमील अख्तर फैजाबादी, शाहिद रजा नूरी, हाफिज मो साजिद रजा व हाफिज मो मेराज ने नातिया कलाम पेश किए। निजामत हाफिज मोहम्मद अतीक ने की।