भारत की अमृत यात्रा:महिला नेतृत्व वाली यात्रा!

–  श्री जी किशन रेड्डी ,उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री, पर्यटन और संस्कृति मंत्री जैसे ही ऐतिहासिक नारीशक्ति वंदन अधिनियम संसद में पेश किया गया, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसके पारित होने को सांसदों के लिए अग्नि परीक्षा कहा। यह वास्तव में अग्नि परीक्षा है: समानता और संतुलन के आधार पर भारत के पारंपरिक […]

सामाजिक परिवर्तन हेतु उद्यमिता को प्रोत्साह

– श्री सौरभ गर्ग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव सामाजिक परिवर्तन के एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उद्यमिता की मान्यता पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उद्यमिता न केवल आर्थिक मूल्य सृजित करती है, बल्कि यह लोगों को अपने अधिकारों का प्रयोग करने तथा पारंपरिक मानदंडों से मुक्त होने के लिए […]

आयुष्मान भारत से आयुष्मान भव:

डॉ. मनसुख मांडविया केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण एवं रसायन व उर्वरक मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। इस योजना की शुरुआत राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 के प्रावधानों के तहत ‘सबको स्वास्थ्य’ की परिकल्पना को साकार करने के लक्ष्य के साथ की गई […]

जी-20 में भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियां

जी-20 में भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियां

*साक्ष्य और समानता का आश्वासन* *—- सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय आयुष और पोत, पत्तन एवं जलमार्ग मंत्री* आज दुनिया भारत को किफायती और साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में पारंपरिक ज्ञान के भंडार के रूप में पहचानती है। इसका मुख्य कारण आयुर्वेद और योग में इसकी प्रभावशीलता है। भारत की जी-20 की अध्यक्षता ने इस प्रभावकारिता […]

प्रधानमंत्री का व्‍यापक दृष्टिकोण – भारत का स्वर्ण युग

–पीयूष गोयल, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्‍त्र मंत्री लाल किले की प्राचीर से, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत की प्रगति और समृद्धि से जुड़े लंबे समय तक चलने वाले स्वर्ण युग के संबंध में अपने व्‍यापक दृष्टिकोण को अभिव्‍यक्ति दी है, क्योंकि माँ भारती हजारों वर्षों की […]

बिंदेश्वर पाठक जी की स्मृति में

– नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के समारोह के बीच, इस खबर को आत्मसात कर पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल था कि बिंदेश्वर पाठक जी हमारे बीच नहीं रहे। सहज, सरल, विनम्र व्यक्तित्व के धनी, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर जी का जाना एक अपूरणीय क्षति है।स्वच्छता को लेकर उनमें जो जज्बा था, वो […]

मेन्स क्लब सीआरपीएफ कैम्प, बिजनौर में सीबीसी द्वारा लगायी जायेगी पांच दिन की प्रदर्शनी, केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर करेंगे उद्दघाटन

मेन्स क्लब सीआरपीएफ कैम्प, बिजनौर में सीबीसी द्वारा लगायी जायेगी पांच दिन की प्रदर्शनी, केंद्रीय राज्यमंत्री  कौशल किशोर करेंगे उद्दघाटन

लखनऊ।देश के लिए अपना जीवन न्यौछावर करने वाले ‘वीरों’ को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरु किये गये राष्ट्रव्यापी महाभियान “मेरी माटी मेरा देश” के अंतर्गत केंद्रीय संचार ब्यूरो, लखनऊ, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा  केंद्रीय विद्यालय, सीआरपीएफ कैम्प, बिजनौर, लखनऊ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।गौरतलब है कि […]

पीएमकेएसके भारत के कृषि क्षेत्र को बदल सकता है : डॉ. मनसुख मंडाविया

पीएमकेएसके भारत के कृषि क्षेत्र को बदल सकता है : डॉ. मनसुख मंडाविया

आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, देश की लगभग 65% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और 47% आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। कृषि एक समयबद्ध गतिविधि है जिसमें उत्पादन और उत्पादकता को अधिकतम करने के लिए सही समय पर सही कृषि-इनपुट की आवश्यकता होती है। कृषि-इनपुट कृषि के आवश्यक तत्व हैं और एक कुशल वितरण प्रणाली कृषि आय की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में, इनपुट सेवाओं का नेटवर्क बिखरा हुआ है और साइलो में बीज, उर्वरक, कीटनाशकों और उपकरणों के लिए अलग-अलग डीलर नेटवर्क काम कर रहे हैं। इसके अलावा, मिट्टी, बीज, उर्वरक की जांच की सुविधाएं और विभिन्न योजनाओं की जानकारी अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से असंबद्ध और टुकड़ों में किसानों तक पहुंचती है। यह व्यवस्था एक समुचित निर्णय लेने के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित समग्र जानकारी प्रदान करने में विफल रहता है। जिसका समाधान सरकार द्वारा समर्थित एक छत के नीचे किसानों को समग्र सुविधाएँ प्रदान करने में निहित है, जिस पर किसान भरोसा कर सकें और उसका पालन कर सकें। अतीत में, निजी क्षेत्र ने किसानों के इनपुट और सेवाओं के लिए ऐसे ही  केंद्रों के मॉडल को दोहराने की कोशिश की है, लेकिन काफी हद तक असफल रहा। इस प्रकार, मौजूदा उर्वरक खुदरा दुकानों को वन-स्टॉप शॉप समाधान , प्रधान मंत्री किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) में बदलने का विचार किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक स्थायी और दीर्घकालिक समाधान के रूप में सामने आया है। इस कार्यक्रम ने देश के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन की शुरुआत की है। किसानों को सशक्त बनाने और कृषि विकास को बढ़ावा देने की दृष्टि से, इस पहल का उद्देश्य कृषि इनपुट, सूचना और सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाना, किसानों के जीवन का उत्थान करना और देश की प्रगति में योगदान देना है। पीएमकेएसके पहल के तहत, लगभग 280,000 सक्रिय खुदरा उर्वरक दुकानें किसानों के लिए व्यापक वन-स्टॉप शॉप में चरणबद्ध रूपांतरण के दौर से गुजर रही हैं। इसके मूल में, पीएमकेएसके किसानों को परेशानी मुक्त तरीके से उर्वरक, बीज और कीटनाशक, ड्रोन सेवाओं और कीटनाशकों सहित छोटी कृषि मशीनरी सहित कृषि-इनपुट की एक विविध श्रृंखला की पेशकश केंद्रित है। एक महत्वपूर्ण पहलू मिट्टी और बीज परीक्षण सुविधाओं का प्रावधान भी है। किसानों को उनकी विशिष्ट मिट्टी और फसल की स्थितियों के बारे में ज्ञान प्रदान करके, ये सुविधाएं उचित निर्णय लेने, अनुकूलित संसाधन उपयोग और उच्च पैदावार को सक्षम बनाती हैं। यह सटीक कृषि और संसाधन-कुशल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, पीएमकेएसके एक ज्ञान केंद्र के रूप में काम करते हैं, जो फसलों और सरकारी कल्याण योजनाओं पर महत्वपूर्ण जानकारी का प्रसार करते हैं। सूचना अंतर को पाटते हुए, ये केंद्र किसानों को सही विकल्प चुनने के लिए सशक्त बनाते हैं, जिससे उनकी दक्षता और आय में वृद्धि होती है।इसका उद्देश्य लाखों किसानों के जीवन को सरल बनाना है। हाल के घटनाक्रम इसकी सफलता को दर्शाते हैं। 27 जुलाई को राजस्थान के सीकर में आयोजित पीएम-किसान सम्मेलन जैसे एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने 125,000 पीएमकेएसके राष्ट्र को समर्पित किए। देश भर के लगभग 20 मिलियन किसानों की व्यापक भागीदारी इस पहल पर अंतिम उपयोगकर्ताओं तक पहुंच की सकारात्मक मुहर दिखाती है।सफलता का अंदाजा विभिन्न हितधारकों के बीच एकता और गर्व की भावना से भी लगाया जा सकता है। एक हालिया सर्वेक्षण से पता चला है कि केंद्रों पर आने वाले किसानों की संख्या में पहले से ही 15-20% की वृद्धि हुई है और यह पाया गया है कि वे पीएमकेएसके के माहौल और उपलब्ध इनपुट से खुश हैं। इन पीएमकेएसके के माध्यम से नैनो यूरिया की बिक्री भी 6 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। उर्वरक कंपनियों द्वारा समर्थित ड्रोन उद्यमी उर्वरकों और रसायनों के छिड़काव को बेहतर तरीके से बढ़ावा देने के लिए धीरे-धीरे किसानों को पीएमकेएसके के साथ जोड़ पा रहा है। राज्यों, केवीके और डीलरों के बीच बढ़ते संबंधों के परिणामस्वरूप ज्ञान और सेवाओं का सफल प्रसार हुआ है। पीएमकेएसके पहल किसानों को सशक्त बनाने और देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ को मजबूत करने में गेम चेंजर साबित हो रही है। कृषि इनपुट्स और नॉलेज तक पहुंच को सरल बनाकर, आधुनिक प्रौद्योगिकियों के साथ किसानों को सशक्त बनाकर और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देकर, पीएमकेएसके कृषक समुदाय के लिए समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं। अटूट सरकारी समर्थन और हितधारकों के सामूहिक प्रयासों से, पीएमकेएसके सकारात्मक बदलाव लाना जारी रखेंगे, देश की कृषि रीढ़ को मजबूत करेंगे और एक संपन्न और आत्मनिर्भर कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देंगे। डॉ. मनसुख मंडाविया केंद्रीय रसायन और उर्वरक, और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हैं। व्यक्त किये गये विचार व्यक्तिगत हैं। 

लिंग-विभेद रोधी तथा भ्रष्टाचार-रोधी प्रयास: जी-20 के लिए एजेंडे का निर्धारण               

 एस. राधा चौहान – कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार, सचिव  जी-20 भ्रष्टाचार-रोधी कार्यसमूह की बैठक, जो इस महीने के अंत में ऋषिकेश में आयोजित की जायेगी, के महत्वपूर्ण विषयों में एक है – भ्रष्टाचार का लैंगिक आयाम। पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए भ्रष्टाचार का अनुभव अलग होता है, क्योंकि वे आर्थिक और सामाजिक रूप से अधिक […]

डिजिटल इंडिया का उदय: प्रौद्योगिकी से राष्ट्र का परिवर्तन

 — राजेश कुमार सिंह सचिव, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय 21वीं सदी में सतत आर्थिक विकास तेज गति से तकनीकी प्रगति से प्रेरित है, जिसने हमारे जीने, काम करने और बातचीत करने के तरीके में क्रांति ला दी है। डिजिटलीकरण की दिशा में सरकार ओर से जोर दिए जाने और प्रौद्योगिकी को अपनाए जाने से हाल के […]

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