हेलसिंकी । यूरोपीय देशों में तेजी से गड़बड़ा रहा लिंगानुपात चिंताजनक स्थिति को ओर पहुंचता दिख रहा है।यूरोप के उत्तर में बसे फिनलैंड में बेहद गंभीर स्थिति देखने को मिल रही है। फिनलैंड के पूर्वी गांव एनोनकोस्की में तो महिलाओं की तादाद पुरुषों के मुकाबले आधी हो गई है। इसका मतलब कि इस क्षेत्र में एक महिला के मुकाबले दो पुरुष रह रहे हैं। फिनलैंड का एनोनकोस्की गांव इस समय पूरी दुनिया में चर्चा में बना हुआ है। एनोनकोस्की अपने लकड़ी के चर्च, लंबे-लंबे देवदार के पेड़ और बबलिंग नदी की खूबसूरती को लेकर यूरोप में काफी प्रसिद्ध है। यह गांव बड़े शहरों के तनाव से बचने के इच्छुक लोगों के लिए एक सपने के सच होने जैसा है। इसके बावजूद यहां तेजी से घट रही महिलाओं की आबादी ने पूरे यूरोप में नई बहस छेड़ दी है। महिलाओं की पलायन ने फिनलैंड की सरकार के भी कान खड़े कर दिए हैं। कई सरकारी अधिकारी इस गैप को पाटने के लिए अब योजना बना रहे हैं। 1,400 लोगों की संख्या वाले इस गांव में, 15-24 आयु वर्ग में पुरुषों की संख्या महिलाओं की अपेक्षा दो गुनी हो चुकी है। इस आयु वर्ग में तो गांव में केवल 28 महिलाएं ही बची हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, फिनलैंड में आधे से अधिक ग्रामीण नगर पालिकाओं में अब 15-24 आयु वर्ग में प्रत्येक 100 पुरुषों के लिए 81 से कम महिलाएं हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं उच्च शिक्षा या अच्छी नौकरी की तलाश में बाहर निकल रही हैं। ऐसा माना जाता है कि फिनिश (फिनलैंड) लड़कियां अक्सर स्कूल में लड़कों से बेहतर प्रदर्शन करती हैं और लड़कों के मुकाबले उनके उच्च स्तर पर अध्ययन करने की अधिक संभावना होती है। ग्रामीण इलाकों में कृषि और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री ही नौकरी का एकमात्र जरिया हैं, जबकि अत्याधिक स्किल्ड महिलाओं के लिए यहां नौकरी का कोई अवसर नहीं बचा है। ऐसे में महिलाओं के पास गांव छोड़कर पलायन करने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचा है। दरअसल, इस इलाके में नौकरियों और कॉलेजों की कमी के कारण महिलाएं गांव को छोड़कर शहरों का रुख कर रही हैं। जबकि, इलाके के पुरुष स्थानीय नौकरियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे में महिलाओं की तादाद लगातार कम होते-होते अब आधे तक पहुंच गई है।
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