नई दिल्ली । महामारी कोरोना की रोकथाम के लिए दुनिया वैक्शीनेशन अभियान में जुटी है। वहीं कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता न देना ब्रिटेन के लिए अब मुसीबत की वजह बनने लगा है। कई भारतीयों ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है। वहीं मंगलवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे ब्रिटेन का दोहरा मानदंड बताया। गौरतलब है कि ब्रिटेन की तरफ से नए ट्रैवेल रूल्स जारी किए गए हैं। इन नियमों के मुताबिक कोविशील्ड की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को भी लंदन पहुंचने के बाद 10 दिन के लिए क्वॉरंटाइन में रहना होगा। डब्लूएचओ ने भी ब्रिटेन के नए नियम पर आपत्ति जताई है। ब्रिटिश सरकार की तरफ से जारी नए यात्रा नियमों पर विवाद जारी है। मंगलवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस तरह के नियम बनाकर ब्रिटेन दोहरा मानदंड अपना रहा है। थरूर ने कहा कि मेरे पास इतना वक्त नहीं है कि लंदन जाकर अपने दस दिन क्वॉरंटीन में बर्बाद करूं। जबकि मैं वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुका हूं और कोरोना से पूरी तरह से सुरक्षित हूं। इसलिए मैंने अपनी लंदन यात्रा ही कैंसिल कर दी। साथ ही उन्होंने लोगों को ब्रिटिश सरकार के इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाने की भी अपील की है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी ब्रिटेन के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। डब्लूएचओ ने कहा है कि कोविशील्ड डब्लूएचओ की इमरजेंसी वैक्सीन की लिस्ट में शामिल है। इसलिए इस वैक्सीन को मान्यता न देना पूरी तरह से गलत है। उसने कहा है कि डब्लूएचओ की इमरजेंसी लिस्ट में शामिल सभी वैक्सीन को मान्यता दी जानी चाहिए। वहीं कई अन्य लोगों ने भी ब्रिटिश सरकार के फैसले को गलत ठहराया है। लोगों का कहना है कि ब्रिटेन की इस फैसले से रेसिज्म की बू आ रही है। गौरतलब है कि 17 सितंबर को ब्रिटेन ने अपना नया ट्रैवेल रूल जारी किया। इसमें कई देशों को रेड लिस्ट में रखा गया है। इस रूल के मुताबिक अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका, यूएई, इंडिया, टर्की जॉर्डन, थाईलैंड और रूस में कोरोना की वैक्सीन लगवाने वालों को अनवैक्सीनेटेड माना जाएगा। इसको लेकर लगातार बहस जारी है।
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