जौनपुर। योग अपनी प्राचीनतम सभ्यता और संस्कृति की अमूल्य धरोहर है जिसके नियमित और निरन्तर अभ्यासों से बच्चों के भीतर सन्निहित सभी शक्तियों को जागृत करके उनका सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। उक्त बातें कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय धर्मापुर में बालिकाओं के लिए आयोजित पांच दिवसीय योग शिविर में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा गोरखनाथ पटेल ने कही। खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रिया पाण्डेय ने कहा की बेटियां किसी भी राष्ट्र की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत को पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित करने की सबसे सशक्त माध्यम होती हैं इसलिए इनको बचपन से ही योग की संस्कारशाला में संस्कारित करके इनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सर्वाेत्तम बनाया जा सकता है। योग प्रशिक्षक अचल हरीमूर्ति के द्वारा बच्चों को योग के मौलिक सिद्धांतों को बताते हुए उनकी अवस्था के अनुसार योग के क्रियात्मक अभ्यासों को कराते हुए उनसे होनें वाले लाभों को बताया गया। खड़े और बैठकर किये जानें वाले आसनों में वृक्षासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, पादहस्तासन, वीरभद्रासनों सहित योगिक जागिंग, सूर्य-नमस्कार, सहित भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और उद्गीथ प्राणायामों को कराते हुए उनसे होनें वाले लाभों को बताया गया। इस मौके विद्यालय की वार्डेन शशिरानी श्रीवास्तवा, सीता सिंह, राजेश पाल,रीना यादव,रेखा गोतम और विनय यादव सहित आदि उपस्थित रहे।
फोटो 01जेएनपी। कस्तूरबा आवासीय बालिका वि़द्यालय में योग सीखती छात्रायें।