प्रयागराज।एस.एस. ख महिला महाविद्यालय, प्रयागराज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में राष्ट्रीय पोषण माह २०२१ के अंर्तगत सोमवार को एक दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला सम्प हुई। कार्यशाला का प्रारम्भ वंदना गीत से हुआ। कार्यशाला के मुख्य वक्ता मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय, प्रयागराज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ शम्भू सरन सिन्हा ने कहा कि नेत्र रोग विटामिन ए की कमी के साथ साथ अनियंत्रित शुगर, तनाव, लगातार कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, का प्रयोग करने से भी होता है।उन्होंने मायोपिया, रतौंधी, मोतियाबिंद, रेड फंगस इंफेक्शन इत्यादि रोगों के बारे में जानकारी प्रदान किया।उन्होंने विटामिन ए को संतुलित मात्रा में अपने आहार में प्रतिदिन शामिल करने पर बल दिया,जो पालक, पपीता, चुकन्दर, मछली, दूध में पर्याप्त मात्रा में मिलता है। विटामिन ए का सन्तुलित मात्रा में आहार में शामिल करके, आंखों की देखभाल, स्वच्छता, निरंतर जांच के माध्यम से नेत्र रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है।डॉ वंदना राज गुप्ता ने संतुलित और पौष्टिक आहार, तनावमुक्त जीवन शैली, व्यायाम के माध्यम से स्वास्थ्य को बेहतर रखने पर बल दिया। उन्होंने महिलाओं में प्रमुखता से पाए जाने वाले अनीमिया के कारण और निदान पर भी प्रकाश डाला।इलाहाबाद विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक डॉ राजेश गर्ग जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अन्न देवता है, जो शरीर को बल प्रदान करता है, सप्त धान्यों से ही शरीर का निर्माण होता है इसलिए इसका सम्मान करना चाहिये।इस तथ्य की पुष्टि हेतु आचार्य भरत मुनि के नाट्य शास्त्र का उल्लेख भी किया। उन्होंने अनियमित दिनचर्या, कुपोषित भोजन, तनावयुक्त जीवन शैली, शारीरिक व्यायाम के अभाव को बीमारियों का प्रमुख कारण बताया और इसके निवारण हेतु अच्छी चित्तवृत्ति, सन्तुलित और पौष्टिक आहार, विटामिन्स और तरल पदार्थों के अधिक सेवन, शारिरीक श्रम को करने की महत्ता पर प्रकाश डाला।प्राचार्या प्रोफेसर लालिमा सिंह ने संतुलित और पौष्टिक आहार को स्वस्थ जीवन के लिए सबसे अनिवार्य बताया।कार्यशाला की विषयवस्तु पर प्रकाश कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रुचि मालवीया ने डाला। स्वागत उप प्राचार्या डॉ नीरजा सचदेव तथा कार्यशाला की रिपोर्ट और धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी और कार्यशाला के समन्वयक डॉ. शिवशंकर श्रीवास्तव ने दिया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम की समन्वयक और वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुमिता सहगल ने किया। इस अवसर पर डॉ सदफ़ सिद्धकी उपस्थित रही। कार्यशाला में कई राज्यों से ३०० से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
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