फतेहपुर। अग्रहरि समाज की नवीन कार्यकारिणी के मुखिया अब प्रयागराज के विदुक अग्रहरि होंगे। वह बड़े अंतर से रविवार अध्यक्ष चुन लिए गए। जबकि महामंत्री के पद पर कुल अग्रहरि व कोषाध्यक्ष का चुनाव अनिरुद्ध अग्रहरि ने जीता। नई कार्यकारिणी का गठन होने के बाद जश्न का माहौल देखते बना। अग्रहरि समाज नई ऊर्जा के संचार का सारथी बना।
वैसे देखा जाए तो इस बार का अग्रहरि समाज का यह चुनाव संक्षिप्त था। वर्ष 1989 के चुनाव में 6 हजार मतदान मतदाताओं ने कार्यकारिणी का गठन किया था।। इस बार सिर्फ 214 मतदाता संगठन की नई बागडोर का चयन करने के लिए इकट्ठा हुए। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के चुनाव में मुख्य निर्वाचन अधिकारी की भूमिका में पूर्व मुख्यमंत्री राधेश्याम गुप्त मौजूद रहे। निर्वाचन अधिकारी सोमचंद्र व दिनेश अग्रहरि की निगहबानी में दोपहर बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। जिसमें प्रयागराज के उद्योगपति के बेटे विदुक ने अध्यक्ष पद के लिए दावा ठोका। इस पद के लिए 214 वोट पड़े। जिसमें 4 मत निरस्त हो गए। 181 मत पाकर विदुक अग्रहरि समाज के मुखिया चुन लिए गए। दूसरे नंबर पर राधेश्याम अग्रहरि रहे जिन्हें महज 32 मत मिले। इसी तरह महामंत्री पद के लिए चुनाव हुआ। इस पद के लिए कुल अग्रहरि व चंदी प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ। जिसमें कुल को 199 व चंदी को 11 मत हासिल हुए। महामंत्री पद के अलावा कोषाध्यक्ष को लेकर मुकाबला हुआ। जिसमें 6 मत निरस्त हो गए। इस पद के लिए अनिरुद्ध को 141 वोट हासिल हुए जबकि विजय अग्रहरी 67 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे।। नवीन कार्यकारिणी को आशीष वचन देने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री व जिले की सांसद साध्वी निरंजन ज्योति पहुंची। उन्होंने व्यापारी समाज को सबसे ज्यादा मशक्कत करने वाली कौम करार दिया। देश भर से आए हुए अग्रहरि समाज के लोगों को भरोसा दिया कि उन्हें जहां भी उनकी जरूरत होगी, एक बुलावे पर पास खड़ी होंगी। इससे पहले अयाह शाह विधायक विकास गुप्ता ने संगठनात्मक चुनाव के बारे में जानकारी देने के साथ समाज को एकजुटता का पाठ पढ़ाया। जिला संगठन मंत्री राहुल अग्रहरि ने बताया कि कोविड-19 गाइडलाइन के तहत संगठनात्मक निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न कराई गई है।