बांदा-उमराव फाउण्डेशन द्वारा बांदा जिला के ब्लाक कमासिन के ग्राम पंचायत मऊ में जल संचयन जागरूकता के बारे में गोष्ठी व चर्चा की गई। गांव के मौजूद लोगों को जल संचयन की जानकारी देकर जागरूक किया गया। संस्था के अध्यक्ष श्यामराव सिंह ने जल को बचाने, जल संचयन के तरीके व जमा पानी को उपयोग में कैसे लाये आदि की जानकारी बताते हुए कहा कि भविष्य के लिए जल का उपयोग हमे बड़ी सावधानी से करना है क्योंकि जल है तभी हमारा आने वाले समय का भविष्य है। ग्रामवासियों को बताते हुए संस्था के सदस्य विवेक राज ने कहा कि वर्षा जल संचयन एक तकनीक है धरती पर बारिश की बूंद लोगों के लिए भगवान का आशीर्वाद के समान है। धाीरेन्द्र प्रताप सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि बारिश का पानी जमीन पर मोती के समान गिरता है यह किसी खजाने से कम नहीं। इन्दिरा गांधी मुक्त विश्व विद्यालय दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर डा0 शारदा प्रसाद ने बताया कि विकासशील क्षेत्रों और प्राकृतिक जल संसाधनों की कमी वाले गांव क्षेत्रों में खासतौर से बारिश के पानी के महत्व को हरेक मानव को समझना चाहिए। सभी क्षेत्रों में जल आपूर्ति को आसान बनाने के लिए नयी और असरदार तकनीको को इस्तेमाल करते हुए हमें अपनी जल इकट्टा करने की पुरानी पंरपरा को लाना चाहिए। क्योंकि केवल हैण्डपम्प, कुएं तथा जमीन के नीचे के जलस्तर और दूसरे संसाधन लाखों लोगो की पाने योग्य पानी की जरूरत को पूरा नहीं कर सकते है। संस्था के अध्यक्ष ने बताया कि हमारा यह प्रयास रहेगा कि गांव-गांव में जाकर जल संचयन की जानकारी देते रहे और लोगों को जल को बचाने के लिए जागरूक करते रहे अब यह सिलसिला जारी रहेगा। इस चर्चा में इन्दिरा गांधी मु0वि0वि0 दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर डा0 शारदा प्रसाद, प्रोफेसर रामनरेश यादव, पूनम यादव, नीतू सिंह, श्यामराव सिंह, धीरेन्द्र प्रताप सिंह, विवेक कुमार, गोविन्द राय, अमित कुमार यादव ग्राम प्रधान राजू महराज समेत अधिक संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।
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