अधिवक्ताओं की सुरक्षा के प्रति सरकार व प्रशासन गैरजिम्मेदार, संघर्ष की चेतावनी

लालगंज प्रतापगढ़। विधानसभा के मानसून सत्र के अवसान की घोषणा पर भी यूपी सरकार द्वारा अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम विधेयक पेश न किये जाने को वकीलों ने वादाखिलाफी ठहराया है। गुरूवार को यहां तहसील परिसर मे हुई रूरल बार एसोशिएसन की बैठक मे अधिक्ताओं ने मांग को लेकर संघर्ष छेडे जाने की रणनीतिक चर्चा की। बैठक को संबोधित करते हुए एसोशिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने कहा कि इधर वकीलों पर आये दिन प्राणघातक हमले हो रहे है। उन्होने जिले मे पट्टी बार एसोशिएसन के अध्यक्ष तथा कुण्डा मे एक वरिष्ठ अधिवक्ता के पुत्र पर हाल ही मे हुए प्राणघातक हमले का भी उदाहरण रखते हुए कहा कि प्रशासन एवं सरकार की उदासीनता से अधिवक्ता समुदाय सुरक्षित नही है। उन्होने कहा कि एसोशिएसन ने लगातार ज्ञापन तथा हस्ताक्षर अभियान के जरिए देश मे एडवोकेटस सिक्योरिटी बिल को लागू किये जाने की मुहिम छेड रखी है। बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश यूपी सरकार को भी अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम का मसौदा सौंपा गया। इसके बावजूद सरकार मानसून सत्र मे भी इस विधेयक को प्रभावी नही बना सकी। अधिवक्ताओं ने पुलिस एवं प्रशासनिक उत्पीड़न को भी वकीलों के लिए चिंताजनक करार दिया है। बैठक की अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश व संचालन महासचिव हरिशंकर द्विवेदी ने किया। इस मौके पर मो. ईसा, रमेश पाण्डेय, शिव नारायण शुक्ल, राजेश तिवारी, शैलेन्द्र मिश्र, रामअभिलाष यादव, विजय श्रीवास्तव, अनूप पाण्डेय, राकेश शुक्ल, प्रभाकर पाल, प्रमोद मिश्र, विभाकर शुक्ल, शेष तिवारी, शैलेन्द्र सिंह, अमरनाथ यादव, विनोद शुक्ला, उमाशंकर मिश्र, मनोज शुक्ल, विपिन शुक्ल, सत्येन्द्र श्रीवास्तव, सुशील शुक्ल आदि अधिवक्ता रहे।