प्रयागराज।भारतीय रेल यातायात सेवा के १९८७ बैच के अधिकारी शैलेंद्र कपिल ने उत्तर मध्य रेलवे के पहले मुख्य दावा अधिकारी (सीसीओ) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। इसके पूर्व कपिल प्रधान मुख्य संरक्षा अधिकारी, पूर्व तट रेलवे भुवनेश्वर के पद पर कार्यरत थे।कपिल भारतीय रेलवे के गतिशील कुछ कुशल एवं तेजतर्रार अधिकारियों में से एक हैं जिनको रेलवे मे सतर्कता सहित परिचालन, संरक्षा और वाणिज्य विभागों और सामान्य प्रशासन में काम करने का व्यापक अनुभव है। उन्होंने कोयला क्षेत्र में स्थित बरकाकाना में एडीआरएम धनबाद डिवीजन के रूप में काम किया।उन्होंने पहले उत्तर मध्य रेलवे में वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक/प्रयागराज मंडल, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी/प्रयागराज मंडल, मुख्य माल यातायात प्रबंधक, मुख्य यात्री परिवहन प्रबंधक, मुख्य यातायात योजना प्रबंधक, मुख्य वाणिज्य प्रबंधक पीएम एवं मुख्य वाणिज्य प्रबंधक/मालाभाड़ा विपणन आदि पदों पर कार्य किया है।आरडीएसओ में उन्होंने एएसएम और एएलपी/एलपी के साइको परीक्षणों संबंधी अनुसंधान में विशेष योगदान दिया किया और और आई आर आई टी एम (भारतीय रेल यातायात सेवा के अधिकारियों का प्रशिक्षण संस्थान) में डीन के रूप में कार्य करते हुए युवा आईआरटीएस अधिकारियों को दुर्घटना स्थलों, कुंभ मेला आदि में ले जाकर व्यवहारिक रूप से प्रशिक्षित करने की पहल की थी।साहित्य में उनकी विशेष रुचि है।न्होंने सिंगापुर और मलेशिया में महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिया है।उत्तर मध्य रेलवे के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी मुख्य दावा अधिकारी की नियुक्ति की गई है। एस. कपिल का कहना है कि उनकी प्राथमिकता दावों के मामलों का शीघ्र निपटान और प्रयागराज में नव स्थापित रेल दावा अधिकरण को सर्वोत्तम संभव सहयोग प्रदान करना होगा।
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