दुर्लभ रवि योग में आज अखंड सुहाग के लिए तीज व्रत रखेंगी महिलाएं

प्रयागराज।हरतालिका तीज पर नौ सितंबर को इस बार दुर्लभ रवि योग मिलेगा। ज्योतिषीय धारणा के अनुसार इस योग में हर तरह के दोष और विकारों का नाश हो जाता है। अरसा बाद मिले इस योग में निर्जला व्रत रखकर महिलाएं पतियों के दीर्घायु के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करेंगी। पौराणिक मान्यता के अनुसार कभी माता पार्वती ने इसी व्रत को धारण कर भगवान शिव को प्राप्त किया था। मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए बड़ी संख्या में कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को करेंगी। तीज व्रत की घर-घर में तैयारियां की गई हैं
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को महिलाएं पति के दीर्घायु और अखंड सुहाग की कामना से हरितालिका तीज व्रत धारण करेंगी। यह तिथि इस बार नौ सितंबर को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्य पं. ब्रजेंद्र मिश्र के मुताबिक तृतीया तिथि बुधवार आठ सितंबर की भोर ३:५९ बजे लग रही है। बृहस्पतिवार नौ सितंबर की रात २:१४ बजे तक तृतीया रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी। चतुर्थी से युक्त तृतीया सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्रदाता होती है।ज्योतिषियों के मुताबिक करीब १४ वर्ष बाद इस बार हर तालिका तीज पर रवि योग का दुर्लभ संयोग मिलेगा। इस बार तीज पर पूजन का शुभ मुहूर्त शाम ६:१० से रात ७:५४ बजे तक है। वहीं शाम ५:१४ बजे से सभी प्रकार के दोषों को विनाश करने वाला रवियोग का दुर्लभ संयोग प्राप्त होगा। ज्योतिषशास्त्र में रवि योग को बेहद प्रभावशाली माना गया है। कहा जाता है कि इस योग में कई अशुभ योगों के प्रभाव को कम करने की क्षमता है। इस शुभ योग में रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए शिव -पार्वती की पूजा कुंवारी कन्याओं के लिए विशेष फलदायी होगी।मिट्टी की वेदियों पर शिव-पार्वती और गणपति की प्रतिमाओं की प्रतिष्ठापना करें और फिर संकल्प लेकर ध्यान, पूजा करें।व्रती महिलाओं भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमि की पत्तियां अर्पित करें और माता पार्वती को शृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं।हरितालिका तीज व्रत कथा सुनने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं।