जिलाधिकारी ने शासन की प्राथमिकता वाले विकास कार्यो एवं निर्माण कार्यो के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ की बैठक

प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बसंल ने कल सायंकाल कैम्प कार्यालय के सभागार में शासन की प्राथमिकता वाले विकास कार्यो एवं निर्माण कार्यो सहित अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं के सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी प्रभाष कुमार एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में निराश्रित गोवंश हेतु गो आश्रय स्थल के निर्माण/संचालन की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में 02 ही वृहद गो संरक्षण केन्द्र है। जिसकी देखरेख सही ढंग से नही की जा रही है। साथ ही उसके बारे में सही जानकारी सम्बन्धित अधिकारी को नही रहती है । इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जतायी। प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि यदि गो संरक्षण केन्द्रों की देखरेख सही ढंग से की जाये। पशुओं को समस्त सुविधायें उपलब्ध करायी जाये अन्यथा की दशा लापरवाही करने पर सम्बन्धित पशु चिकित्साधिकारी एवं अन्य के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी से कहा कि समस्त पशु चिकित्साधिकारियों की बैठक अलग से करायी जाये।  पशुओं का टीकाकरण शत् प्रतिशत कराया जाये तथा गो संरक्षण केन्द्रों के देखरेख के सम्बन्ध में कड़े निर्देश जारी करें। प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया कि जो भी छुट्टा जानवार इधर-उधर टहल रहे है, उनको पकड़कर गो संरक्षण केन्द्रों में रखा जाये। पंचायती राज विभाग की समीक्षा के दौरान जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वार रूम एक्टिव किया जाये, जिससे कि जनपद में तैनात सफाई कर्मियों की ब्लाक वाइज सूचना मिलती रहे।  इनके द्वारा क्या किया जा रहा है। इसके अलावा सामुदायिक शौचालय की साफ-सफाई हेतु स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं अन्य सम्बन्धित का व्हाटसपगु्रप बनाया जाये, और इस ग्रुप में दिन-प्रतिदिन की साफ-सफाई की फोटो भेजा जाये। यह भी निर्देशित किया गया कि सार्वजनिक स्थलों पर जो भी हैण्डपम्प स्थापित है, उनकी गुणवत्ता को चेक किया जाये। पंचायत भवन के जो निर्माण कार्य हो रहे है ,उनमें तेजी लायी जाये। समीक्षा के दौरान जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी बगैर अवकाश  के अनुपस्थित पाये गये, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की। साथ ही स्पष्टीकरण मांगा गया। बेसिक विभाग की समीक्षा में विद्यालयों के संतृप्त कार्य में प्रगति धीमी पायी गयी जिस पर तेजी लाने के निर्देश दिये गये। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि विद्यालयों का संचालन प्रारम्भ हो गया है। जनपद के समस्त विद्यालयों में किताबों का वितरण सुनिश्चित करा लिया जाये ।उन्होंने  मुख्य विकास अधिकारी से कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग की बैठक अलग से करा ली जाये। लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जो जनपद की सड़के है ,उसमें लेयर का कार्य कराया जा रहा है। ओडीआर एवं एमडीआर में 06 सड़कों में से 02 के कार्य पूर्ण हो गये है।  बैठक में जिलाधिकारी ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारी को निर्देशित किया कि दुकानों, ढेलों पर जो खाने से सम्बन्धित वस्तुयें लगायी जाती है ।उसकी निरन्तर चेकिंग की जाये, जिससे कि आने वाले बीमारियों  से लोगों को बचाया जा सके। बाल विकास एवं पुष्टाहार की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 73 आंगनबाड़ी केन्द्र हैण्डओवर हो गये है और  इन्हें चालू भी कर दिया गया है। मुख्य विकास अधिकारी से कहा गया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के चेकिंग करा ली जाये। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारम्भ किया जा चुका है । इसके अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों, किशोरियों और महिलाओं में पोषण के स्तर में सुधार के उद्देश्य से कार्य किये जायेगें। इसके अलावा जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं ग्रामीण, मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), पेयजल योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, कन्या सुमंगला योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, विद्युत, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना सहित अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर समीक्षा की एवं अधिकारियांं को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।  जिलाधिकारी ने 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं के सम्बन्ध में समीक्षा की। बैठक में जिलाधिकारी ने यूपी सिडको द्वारा कराये गये कार्यो की जांच कराने हेतु निर्देशित किया। मुख्यमंत्री जी के घोषणाओं के तहत जो कार्य जनपद में किये गये है उसकी जांच की जाये और जांच में दोषी पाये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाये। जनपद में जो छात्रावास के निर्माण कार्य हुये है वहां पर यदि बाउण्ड्री वाल नही है तो बाउण्ड्री करायी जाये। समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधियों को निर्देशित करते हुये कहा कि जिन परियोजनाओं के निर्माण कार्य हेतु धनराशि शत् प्रतिशत प्राप्त हो गयी हो उन परियोजनाओं का कार्य निश्चित समय अवधि के अन्तर्गत कार्यदायी संस्थायें पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उन्होने सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार निर्माणाधीन कार्यो को गुणवत्तायुक्त एवं समय सीमा के अन्दर पूर्ण किये जाये। निर्माणाधीन परियोजनाओं के अन्तर्गत जो भी कार्य कराये जा रहे है उसके कार्य की गुणवत्ता व मानक की निगरानी वह समय-समय पर स्वयं करें व जांच टीम बनाकर भी उसकी गुणवत्ता की जांच की जाये।