नयी दिल्ली| देश में पहली बार वायुसेना के विमानों को आपात स्थिति में राष्ट्रीय राजमार्ग पर उतारने की तैयारी पूरी की गयी है तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी गुरुवार को राजस्थान के बाड़मेर में इस सुविधा का उद्घाटन करेंगे।सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि श्री सिंह और श्री गडकरी बाड़मेर के दक्षिण में गांधव-बाखासर सेक्शन-राष्ट्रीय राजमार्ग-925 पर के लिए एमरजेंसी लैंडिंग फील्ड-ईएलएफ का उद्घाटन करने के बाद वहां इस सुविधा का अवलोकन करेंगे। परियोजना से बाड़मेर और जालौर जिले के सीमावर्ती गांवों के बीच संपर्क में सुधार होगा और इससे पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्र में सेना की सतर्कता बढ़ेगी।मंत्रालय ने बताया कि इस आपात लैंडिंग पट्टी के अलावा सेना की सुविधा के लिए हेलीपैड का भी निर्माण किया गया है। सेना तथा वायु सेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुये कुंदनपुरा, सिंघानिया और भाखासर गांवों में 100 गुणा 30 मीटर आकार के तीन हेलीपैड भी बनाये गये हैं। इस निर्माण से भारतीय सेना तथा देश की पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा तंत्र को मजबूती मिलेगी।भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण-एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्ग-925-ए पर सत्ता-गांधव में राजमार्ग के तीन किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण वायु सेना के लिये ईएलएफ के रूप में किया गया है। लैंडिंग सुविधा, अभी हाल में विकसित खंड़जे से बने ऊंचे किनारे वाले फुटपाथ के रूप में दो लेन के गगरिया-भाखासर तथा सत्ता-गांधव सेक्शन का हिस्सा है जिसकी कुल लंबाई 196.97 किमी है और इसके निर्माण पर 765.52 करोड़ रुपये की लागत आयी है। इसका निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत निर्मित किया गया है।मंत्रालय ने बताया कि इसका निर्माण जुलाई 2019 में शुरू हुआ और जनवरी 2921 में इसे पूरा किया गया है। वायुसेना और एनएचएआई की देखरेख में यह निर्माण कार्य हुआ है। वायुसेना जब चाहे अपनी गतिविधियों के लिये ईएलएफ का उपयोग कर सकेगी और बाकी समय में सामान्य यातायात के लिये इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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