नियमित योगाभ्‍यास करने से बढ़ सकती रोग प्रतिरोधक शक्‍ति

नई दिल्ली । क्या आपको मालूम है ‎कि हर जीवित शरीर में प्रकृति ने एक ऐसी व्यवस्था बनाई हुई है, जो उसे नुकसानदेह जीवाणुओं, विषाणुओं और माइक्रोब्स वगैरह से बचाती है। इसे ही रोगप्रतिरोधक शक्ति या इम्यूनिटी कहा जाता है। जिसकी इम्यूनिटी मजबूत है, उसके शरीर में रोगाणु पहुंचकर भी नुकसान नहीं कर पाते, पर जिसकी इम्यूनिटी कमजोर हो गई हो, वह जरा-से मौसमी बदलाव में भी रोगाणुओं के आक्रमण को झेल नहीं पाता। जब बाहरी रोगाणुओं की तुलना में शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है, तो इसका असर सर्दी, जुकाम, फ्लू, खांसी, बुखार वगैरह के रूप में हम सबसे पहले देखते हैं। जो लोग बार-बार ऐसी तकलीफों से गुजरते हैं, उन्हें समझ लेना चाहिए कि उनकी इम्यूनिटी ठीक से उनका साथ नहीं दे रही है और उसे मजबूत किए जाने की जरूरत है। प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की कोशिश में जुटे। इसके लिए तमात तरह के उपाय भी किए, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि रोग प्रतिरोधक शक्‍ति को बढ़ाने और घटाने के कुछ उपाय हैं। जिसे आप खुद कर सकते हैं। एमडी आयुर्वेद डॉ मुकुल देसाई का कहना है कि खान- पान के साथ कुछ आहार व्‍यवहार ऐसे हैं, जिसके अगर हम अपने जीवन में उतार लें तो रोग प्रतिरोधक शक्‍ति को बढ़ा सकते हैं। नियमित अभ्‍यास, योगाभ्‍यास करने से रोग प्रतिरोधक शक्‍ति बढ़ सकती है। खुली हवा में लंबी सांस लेने से भी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। नियमित और पर्याप्‍त मात्रा में नींद लेने, मेहनत और आराम का संतुलन रखकर भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। चीनी और नमक कम प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा खाने में फल, साग, सब्‍जी, अंकुरित अनाज, भिगोए मेवे आदि खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से बढ़ती है। जहां रोग प्रतिरोधक शक्‍ति बढ़ाने के उपाय हैं, वहीं कुछ चीजें ऐसी भी हैं। जिससे करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। डॉ मुकुल देसाई के अनुसार इन चीजों से बचना चाहिए। अगर आप ध्रूमपान करते हैं तो तुरंत छोड़ दीजिए, शराब, नशा, तनाव, नींद पूरी तरह से न लेने, स्‍टेराइड का सेवन करने, चीनी और नमक अधिक लेने से प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। शरीर में विटामिन और खनिज की कमी और शरीर की क्षमता से अधिक काम करन से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। मालूम हो कि अपने आसपास आप अकसर देखते होंगे कि सेहत और कद-काठी के मामले में एक जैसे दिखने वाले कई लोगों में से कुछ लोग बार-बार बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं, जबकि कुछ पर मौसम की मार या संक्रमण वगैरह का भी ज्यादा असर नहीं होता। मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता की वजह से ही आप स्वस्थ रहते है।