प्रयागराज।उत्तर मध्य रेलवे ने आत्मानिर्भर भारत अभियान में अपना योगदान देते हुए आज अपनी पहली किसान रेल चलाई। आलू लेकर उत्तर मध्य रेलवे की पहली किसान रेल आज आगरा (यमुना ब्रिज) से ०४.३० बजे रवाना हुई। १२ वीपीयू वाली यह ट्रेन आगरा और आसपास के क्षेत्रों से लगभग २७० टन आलू लेकर कल दिनांक ०७.०९.२०२१ को समय १७:०० बजे असम के चांगसारी पहुंचेंगे।इस साल आगरा क्षेत्र में आलू की अच्छी फसल हुई है। किसानों को खपत या कमी वाले क्षेत्रों में उपज बेचने की सुविधा के लिए, उत्तर मध्य रेलवे ने इस ट्रेन को चलाने की पहल की। वर्तमान में इस ट्रेन के ४ फेर इस सितंबर में प्रत्येक सोमवार को होने हैं।किसान रेल में किसानों को सामान्य पार्सल दरों की तुलना में प्रभावी रूप से पचास प्रतिशत कम शुल्क देना पड़ता है। यह योजना भारत सरकार की एक पहल है जिसमें किसानों को फलों, सब्जियों और डेयरी उत्पादों सहित उनकी पेरीशेबल उपज की बुकिंग के समय परिवहन पर ५०ज्ञ् सब्सिडी दी जाती है। शेष ५०ज्ञ् फलों और सब्जियों के परिवहन के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन्स – टॉप टू टोटल’ योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा वहन किया जाता है।किसान रेल ट्रेनें समयबद्ध रूप से चलती हैं, और साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए कि पेरिशेनल वस्तुएं नियत समय के भीतर अपने गंतव्य तक पहुंचें इसके लिए इनकी समय पालनता की सघन निगरानी की जाती है । साथ ही इसके लिए भारतीय रेलवे के संसाधनों का सबसे बेहतर तरीके से प्रयोग किया जाता है।उत्तर मध्य रेलवे विभिन्न हितधारकों, किसानों और राज्य एजेंसियों के परामर्श से प्रयास कर रहा है कि किसानों को उनकी उपज को पूरे भारत में मंडियों तक ले जाने की आवश्यकताओं की पहचान की जा सके और इसके द्वारा कई और सेवाएं प्रदान की जा सकें। मंडल रेल प्रबंधक आगरा श्री आनंद स्वरूप ने अपने मंडलीय अधिकारियों की टीम के साथ इस दिशा में निरंतर प्रयास किया और संभावित लाभाथिNयों के साथ संपर्क स्थापित करते हुए सतत संवाद किया।भारतीय रेल नेटवर्क के विशाल नेटवर्क का उपयोग करके माल की विश्वसनीय और तेज गति प्रदान करने की यह पहल इस क्षेत्र से फलों और सब्जियों के परिवहन में एक आदर्श बदलाव ला सकती है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को की सहायक हो सकती है। साथ ही, इससे पर्याप्त मात्रा में सस्ते और ताजा उत्पादों के पहुंचने से अंतिम उपयोगकर्ता भी लाभान्वित होता है। उत्तर मध्य रेलवे आने वाले दिनों में अन्य रूटों पर ऐसी और ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है।उत्तर मध्य रेलवे बिजनेस डेवलपमेंट यूनिटों (बीडीयू) के विपणन प्रयासों से एक और सफलता हासिल हुई है। झांसी डिवीजन द्वारा भीमसेन (कानपुर के पास) से खाद्य तेल का पहला रैक लोड किया गया है।झांसी मंडल भीमसेन स्टेशन से खाद्य तेल के लंबे समय तक यातायात पर कब्जा करने में सक्षम है और रविवार को उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे (एनएफआर) के तीन अलग-अलग स्थानों के लिए भीमसेन स्टेशन से खाद्य तेल की पहली लोडिंग की गई। खाद्य तेल से लदी वैगनों को दीमापुर, डिब्रूगढ़ और अजारा के लिए लोड किया गया है। यह उम्मीद की जाती है कि इस नए यातायात को बरकरार रखा जाएगा और प्राप्त अनुभव के अनुसार एक महीने में न्यूनतम ४ मिनी रेक लोड किए जाएंगे। मंडल रेल प्रबंधक झांसी आशुतोष ने कहा कि झांसी मंडल अपने ग्राहकों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। नए यातायात को बनाए रखने के लिए ग्राहकों को रेक की समय पर उपलब्धता और घटे हुए ट्रांसपोर्ट समय के रूप में हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे प्रमोद कुमार ने इन सफलताओं को प्राप्त करने के लिए आगरा और झांसी मंडलों को बधाई दी। महाप्रबंधक ने कहा कि किसान रेल से छोटे किसानों को अपनी उपज को दूर के बाजारों में सस्ती कीमत पर भेजने में फायदा होगा। श्री कुमार ने कहा, ‘किसान रेल का परिचालन अंत्योदय के प्रति उत्तर मध्य रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’
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