टोक्यो पैरालिंपिक में पदक जीत मनीष नरवाल ने वादा निभाया

नई दिल्ली । हरियाणा के होनहार, प्रतिभा संपन्न असाधारण खिलाड़ी मनीष नरवाल की कहानी भट्टी में तपकर निकले कुंदन के समान है। मनीष नरवाल ने टोक्यो पैरालिंपिक में 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में 218.2 अंकों के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता है। मनीष को गत वर्ष उनकी पिछली उपलब्धियों के आधार पर अर्जुन अवार्ड मिला था और तब बातचीत में कहा था कि अब उसका लक्ष्य टोक्यो पैरालिंपिक में पदक जीतना है। मनीष ने जकार्ता पैरा एशियन गेम्स में पदक जीता था, तो सभी पदक विजेताओं की पीएम मोदी से मुलाकात हुई थी और तभी भी उन्होंने पीएम से वादा किया था कि टोक्यो पैरालिंपिक में पदक जीत कर लाऊंगा और अपने वादे पर खरा उतरते हुए मनीष नरवाल स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। मनीष का परिवार मूलरूप से सोनीपत का है, पर वषों पूर्व नरवाल परिवार फरीदाबाद जिले की ऐतिहासिक नगरी बल्लभगढ़ में आकर बस गया था।मनीष नरवाल 31 अगस्त को 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में पदक नहीं जीत पाए थे और सातवें स्थान पर आए थे। ऐसे में उनके परिवार में भी निराशा थी। स्वयं मनीष शूटिंग रेंज में निराशा की मुद्रा में फर्श पर बैठ गए थे। तब पिता ने मनीष को फोन कर तसल्ली दी थी कि एक इवेंट और है। तसल्ली रखो, अपनी प्रतिभा पर भरोसा रखो सब ठीक होगा। मनीष के पिता दिलबाग सिंह ने भी इन चार दिनों में किसी से बात नहीं की।दिलबाग सिंह के अनुसार, उन्हें पूरा भरोसा था कि मनीष पदक जीत कर लौटेगा, ऐसा इसलिए क्योंकि, आज तक वो जिस भी प्रतियोगित में भाग लेने गया है, वहां से कभी खाली हाथ नहीं लौटा। यही वजह है कि 19 साल की उम्र में वो 38 से अधिक पदक जीत चुका है। मनीष नरवाल की माता संतोष ने बताया कि शुक्रवार रात्रि उनके लाडले का फोन आया था और उसने कहा था कि निराशा से उबर चुका है और चिंता मत कर मां, शनिवार का दिन मनीष का होगा। मनीष की आवाज में जोश था और उसने जो वादा किया, उसे स्वर्ण पदक जीत कर पूरा किया।मनीष के पिता दिलबाग सिंह नरवाल के अनुसार उसका दायां हाथ जन्म से ही खराब था। तब उनके एक मित्र ने निशानेबाजी खेल में हाथ आजमाने की सलाह दी। इसके बाद मनीष ने बाएं हाथ से निशानेबाजी का अभ्यास करना शुरू कर किया और पहली ही प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था। इसके बाद मनीष ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। मनीष के छोटे भाई-बहन शिवा व शिखा भी निशानेबाज हैं। मनीष 9 वर्षों से लगातार पैरा निशानेबाजी के विश्व कप में 9 रिकार्ड बना चुके हैं। दो वर्ष पूर्व जकार्ता में हुए पैरा एशियाई खेलों में 10 मीटर एयर पिस्टल में नया रिकार्ड बनाते हुए स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था। पिछले वर्ष विश्व चैंपियनशिप में तीन कांस्य पदक अपने नाम किए थे।