मवेशी अन्ना मिले तो की जाएी कार्रवाई

बांदा। कमिश्नर चित्रकूटधाम मंडल के निर्देश पर अपने मवेशियों को अन्ना छोड़ने वालों पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही होगी। इसके लिये ग्रामीणों को डुग्गी पिटवाकर सचेत किया जा रहा है। ग्राम पंचायत पतौरा से इस अभियान की शुरुआत हुई। हलका इंचार्ज ने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने जानवरों को बांधकर रखें, अन्यथा मुकदमा दर्ज कर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही होगी।समूचा बुंदेलखंड अन्ना प्रथा से जूझ रहा है। अन्ना गोवंश के झुंड रात के समय किसानों के खेतों में घुसकर फसल चटकर जाते हैं। रात-दिन मेहनत करने के बावजूद किसान अपनी फसल नहीं बचा पा रहे हैं। अब तक दर्जनों किसान मौत को गले लगा चुके हैं। बुंदेलखंड के लिये अभिशाप बन चुकी अन्ना प्रथा पर प्रभावी रोक लगाये जाने के लिये जहां बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने पौने दो करोड़ की लागत से विश्वविद्यालय परिसर में ही गोशाला खोलने का निर्णय लिया है, जहां न सिर्फ अन्ना घूम रही एक से दो लीटर दूध देने वाली कनिकेता नस्ल की गायों को उपयोगी बनाये जाने पर काम शुरू होने जा रहा है, बल्कि गोबर और गोमूत्र से बने उत्पाद भी पूरे देश में अपनी अलग जगह बनायेंगे, वहीं मंडलायुक्त दिनेश कुमार सिंह के निर्देशन में अन्ना प्रथा पर रोक लगाये जाने के लिये पुलिस व प्रशासन के सहयोग से ग्रामीणों को जागरूक करने के लिये डुग्गी पिटवाकर सचेत किया जा रहा है। चेतावनी दिये जाने के बाद न मानने पर दोषियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही का भी प्राविधान है। शुक्रवार को इस अभियान की शुरुआत महुआ विकास खंड के ग्राम पंचायत पतौरा से हुई। ग्राम प्रधान विनीता ओमप्रकाश त्रिपाठी की मौजूदगी में हलका इंचार्ज उपनिरीक्षक सुनील कुमार ने दलबल के साथ पहुंचकर पूरे गांव में डुग्गी पिटवाकर सभी ग्रामीणों को सचेत करते हुए उद्घोषणा की कि ग्रामीण अपने मवेशियों को अन्ना न छोड़ें, बल्कि बांधकर रखें। यदि किसी का पशु अन्ना पाया जायेगा तो उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर कड़ी कार्यवाही होगी। दोषी को जेल भी भेजने का प्राविधान है। उपनिरीक्षक ने ग्रामीणों से यह भी अपील की, कि अपने जानवर रोड पर न बांधें। लोगों को आवागमन में असुविधा होती है। खुले में शौच जाने के लिये मना करते हुए उपनिरीक्षक ने कहा कि यह अनुचित है। सरकार अपने घर पर ही शौचालय बनवाये जाने के लिये अनुदान दे रही है। इसका उपयोग करते हुए घर पर शौचालय बनवायें और उसका प्रयोग करें। जब तक स्वयं का शौचालय न हो, तब तक ग्राम पंचायत का सामुदायिक शौचालय प्रयोग किया जा सकता है। यह पूरी तरह से निरूशुल्क है, लेकिन खुले में शौच कतई न जायें अन्यथा कार्यवाही की जायेगी। यह भी बताया गया कि जल्दी ही यह व्यवस्था पूरे चित्रकूटधाम मंडल में लागू होगी। इस दौरान ग्राम पंचायत पतौरा के सैकड़ों नागरिक भी मौजूद रहे।