नई दिल्ली। जहां एक ओर सरकारें पदक विजेताओं को इनाम दे रही हैं, वहीं कुछ खिलाड़ी अब भी उपेक्षा की शिकार हैं। इन्हीं में से एक है, छह बार की मूक बाधिर राष्ट्रीय शतरंज चैम्पियन मल्लिका होंडा। मल्लिका ने अंतरराष्ट्रीय मूकबधिर शतरंज चैंपियनशिप मे स्वर्ण पदक भी जीता है। इसके बाद भी इस खिलाड़ी को अब तक पंजाब या केंद्र सरकार की ओर से कोई इनाम नहीं मिला है। मल्लिका ने पंजाब खेल डाइरेक्टर के कार्यालय के बाहर अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन भी किया और अपने ट्विटर अकाउंट में विडियो जारी किया , इस खिलाड़ी ने इसमे कहा है कि मूक बधिर शतरंज खिलाड़ी को सरकार नें कोई भी नौकरी या अवार्ड देने से मना कर दिया है, इस खिलाड़ी ने कहा कि इससे मेरा करियर बर्बाद हो रहा है ।इसका कारण केंद्र और राज्य सरकारो की ओलंपिक खेलो को ही पूर्ण महत्व देने की नीति रही है , शतरंज जैसे खेल मे आनंद , कोनेरु हम्पी और कुछ अन्य खिलाड़ियों को छोड़कर शतरंज के सबसे बड़े उत्सव शतरंज ओलंपियाड में 185 देशो के बीच स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के ट्वीट के अलावा कोई अवार्ड कोई कैश अवार्ड नहीं मिलता है।
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