फतेहपुर। खलीलनगर मोहल्ला निवासी उज़मा पत्नी अहमद अली के मकान का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। परिवार के आपसी विवाद में कुर्क हुए मकान को गलत व गैर न्यायायिक बताते हुए पीड़िता ने कलक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकरी से न्याय दिलाये जाने की मांग किया।गुरुवार को खलीलनगर मोहल्ला निवासी उज़मा पत्नी अहमद अली अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट पहुँची और जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए पुलिस द्वारा उप जिलाधिकारी को गलत रिपोर्ट देने से उनको अपने ही मकान से निकाले जाने का आरोप लगाया। पुलिस व एसडीएम की कार्रवाई को गलत बताते हुए बच्चो से साथ बेघर हुई महिला को न्याय दिये जाने की मांग किया। डीएम को दिये शिकायती पत्र में बताया कि म.न. 805 जे वर्ष 2016 को अपने ससुर स्व नवाब उद्दीन पुत्र जब उद्दीन से क्रय किया था। जिसकी रजिस्ट्री उनके नाम व नगर पालिका में असिस्मेंट में भी दर्ज है। मकान में उनका कब्ज़ा व निवास भी किया जा रहा था। स्व. नवाब उद्दीन के अन्य पुत्रगण का इसमें कोई भी अधिकार नही है लेकिन उन लोगों द्वारा सिविल जज (सीडी) के न्यायालय में वाद योजित कर रखा है जो कि विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि मो. अली व गुलनाज ने कोतवाली प्रभारी के ज़रिए उप जिलाधिकरी के न्यायालय में वाद योजित किया। जिसके आधार पर कोतवाली प्रभारी ने गलत ढंग से आख्या देकर खूनी संघर्ष का हवाला देते हुए मकान को कुर्क कर देने की आख्या दे दी। पीड़िता ने बताया कि उनके पति विदेश में रहते हैं। वह, तीन छोटे बच्चों को लेकर भटकने को मजबूर है। घर से बाहर किए जाने के दौरान घर में रखे उनके कीमती ज़ेवर व अन्य सामान तक को नहीं निकालने दिया। बेघर होने पर वह परिवार के साथ सड़क पर जीवन यापन कर रही है। बच्चे पढ़ भी नहीं पा रहे हैं। महिला ने डीएम से मामले की जांच कराए जाने व झूठे तथ्यों को प्रस्तुत करने वाले कर्मियों पर कार्रवाई करते हुए रिहाइश की अनुमति दिए जाने की गुहार लगाई है।
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