लंदन । अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही तालिबान के हाथ में कई बड़े हथियार लग गए थे। हालांकि, कई आधुनिक और अहम हथियार अमेरिकी सेना के कब्ज़े में ही थे।अब जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान छोड़ चुकी है, तब अमेरिकी सेना के कब्जे में जो हथियार थे, क्या उनपर तालिबान का कब्जा होगा। ये अहम सवाल है, अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा इसका जवाब भी दिया गया है।यूएस सेंट्रल कमांड के कमांड जनरल किनिथ मैकेंजी के मुताबिक, अमेरिकी सेना को एयरपोर्ट पर कुछ हथियार छोड़कर आने पड़े हैं। इनमें काउंटर रॉकेट, आर्टिलरी, मोर्टार मिसाइल डिफेंस सिस्टम आदि शामिल हैं, जो एयरपोर्ट पर ही मौजूद थे। सोमवार को जब काबुल एयरपोर्ट पर रॉकेट से हमला हुआ, तब इसी डिफेंस सिस्टम की मदद से उसे नाकाम किया गया था।इन हथियारों के अलावा करीब 70 एमआएपी व्हीकल भी काबुल एयरपोर्ट पर हैं, 72 एयरक्राफ्ट और 27 मल्टी परपज़ व्हीकल भी काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिका छोड़कर आया है।अमेरिकी सेना के मुताबिक, वो जो भी हथियार काबुल एयरपोर्ट पर छोड़कर आए हैं, उन्हें कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता है। हम उन्हें ऐसा करके आए हैं कि वह एक लंबी प्रक्रिया, लंबे वक्त की मेहनत के बाद ही दोबारा काम कर सकेंगे। एक तरह से अब उन्हें कभी इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा जिन वाहनों को अमेरिका छोड़कर आया है, उनका इस्तेमाल करना भी मुश्किल होगा। हालांकि, अमेरिका द्वारा उन 73 एयरक्राफ्ट की जानकारी नहीं दी गई है जो वह काबुल एयरपोर्ट पर छोड़कर आया है। अमेरिकी सेना ने सिर्फ इतना ही कहा है कि जो एयरक्राफ्ट हम छोड़कर आए हैं, वह अब इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे। गौरतलब है कि 30 अगस्त को अमेरिकी सेना का आखिरी विमान काबुल एयरपोर्ट से उड़ा। मेजर जनरल क्रिस डोनाहुए वो आखिरी अमेरिकी जवान थे, जिन्होंने अफगानिस्तान की धरती छोड़ी। अमेरिका ने अपनी तय तारीख से 24 घंटे पहले ही अफगानिस्तान को अलविदा कर दिया। बता दें कि अमेरिकी सेना के आखिरी विमान ने सोमवार देर रात को काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी। इसी के साथ अफगानिस्तान में अमेरिका की 20 साल की मौजूदगी का अंत हुआ। तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया और अफगान आर्मी को मात दी।
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