प्रयागराज। जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर सु-मधुर लोक गीतों का संकलन ‘धरोहर एल्बम’ का पहला गीत ‘मेरे नख से और शिख तक सुधार लिख दो, लीलाधारी अपनी लीला का विस्तार लिख दो’ यूट्यूब सहित अन्य मीडिया चैनलों के माध्यम से रिलीज किया गया। इस एल्बम की गायिका राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नमिता यादव ने अपने वक्तब्य में कहा कि लोक संगीत हमारे भारतवर्ष की एक समृद्ध परंपरा का सशक्त अंग रहा है और इस परंपरा को संरक्षित रखने के लिए ही कुछ लोकगीतों का संकलन धरोहर एल्बम में रिकार्ड किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अरे मेरो रोए रोए शालू भीजै व मंडप के बीच लाडो ने केस सुखाए आदि गीतों को भी आगे लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोकगीतों के इस संकलन में भक्ति प्रधान गीत, लोकगीत, विवाह के गीत, मंडप के गीतों की रिकार्डिंग की जाएगी। इस एल्बम का संगीत पुनीत श्रीवास्तव द्वारा दिया गया। लोकगीतों के इस संकलन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए डॉ. यादव ने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को और आज की युवा पीढ़ी को भारतवर्ष की गरिमामयी संगीत परंपरा से अवगत कराना है। डॉ. यादव के अनुसार पारंपरिक लोकगीतों की सीख उन्हें अपनी मां से मिली। उन्होंने सभी सहयोगियों एवं शुभचिंतको का आभार व्यक्त किया।
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