लंदन । एक अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर में उच्च रक्तचाप से पीड़ित वयस्कों की संख्या पिछले 30 वर्षों में दोगुनी हो गई है और इनमें से ज्यादातर वृद्धि कम एवं मध्यम आय वाले देशों में हुई है। अनुसंधानकर्ताओं के अंतरराष्ट्रीय दल ने 184 देशों में तीन से अधिक दशकों में 30-79 वर्ष की आयु वाले 10 करोड़ से अधिक लोगों के रक्तचाप का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि 1990 में 30 करोड़ 31 लाख महिलाएं और 30 करोड़ 17 लाख पुरुष उच्च रक्तचाप के मरीज थे जबकि 2019 में 60 करोड़ 26 लाख महिलाएं और 60 करोड़ 52 लाख पुरुष इस बीमारी से पीड़ित थे। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि बीमारी का आसानी से पता लगाने और इलाज के कम खर्च के बावजूद 2019 में विश्वभर में उच्च रक्तचाप से पीड़ित करीब आधे लोगों को उनकी स्थिति के बारे में जानकारी नहीं थी। साथ ही करीब आधी महिलाओं (53 प्रतिशत) और पुरुष (62 प्रतिशत) को इलाज नहीं मिला। अध्ययन के अनुसार, कनाडा और पेरू में 2019 में सबसे कम लोगों में उच्च रक्तचाप देखा गया। ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान और स्विट्जरलैंड, स्पेन समेत पश्चिमी यूरोप के कुछ देशों तथा ब्रिटेन में महिलाओं में उच्च रक्तचाप की दर कम रही जबकि एरिट्रिया, बांग्लादेश, इथियोपिया और सोलोमन द्वीप में पुरुषों में उच्च रक्तचाप की दर कम रही। ब्रिटेन स्थित इम्पीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर एवं अध्ययन के लेखक माजिद इज्जती ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दशकों में चिकित्सीय और औषधीय प्रगति के बावजूद उच्च रक्तचाप प्रबंधन में वैश्विक प्रगति धीमी रही है और उच्च रक्तचाप के ज्यादातर मरीजों को इलाज नहीं मिला।’’ हर साल दुनियाभर में 85 लाख लोगों की मौत उच्च रक्तचाप की वजह से होती है और यह आघात, हृदय रोग, वाहिका संबंधी रोगों और गुर्दे की बीमारियों की मुख्य वजह है। रक्तचाप के स्तर को घटाकर आघात की संख्या में 35-40 फीसदी, दिल के दौरे में 20-25 प्रतिशत तक और हृदय गति रुकने में करीब 50 फीसदी की कमी आ सकती है।
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