एक साल में 20 से अधिक मुकदमे कोर्ट में दाखिल करने वाले वकील ही लड़ पाएंगे चुनाव

लखनऊ। हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने 25 सितंबर को अवध बार एसोसिएशन का मतदान कराने का आदेश देते हुए 14 अगस्त को अवध बार एसोसिएशन के चुनाव में मतदान के दिन हुई अनुशासनहीनता करने वाले बार एसोसिएशन के सदस्यों की पहचान कर अगले चुनाव में उनके शामिल होने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। अनुशासनहीनता के मामले पर हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका पर यह आदेश दिया है। हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के जस्टिस ऋतुराज अवस्थी और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने आदेश देते हुए स्पष्ट किया कि बार के जिन अधिवक्ताओं ने एक साल में 20 या उससे अधिक मुकदमे कोर्ट में दाखिल किए हैं, सिर्फ वही चुनाव लड़ पाएंगे। हालांकि सीनियर वकील, सरकारी वकील, एमिकस क्यूरी या हाईकोर्ट में 40 साल या अधिक समय से प्रैक्टिस कर रहे वकीलों पर यह शर्त लागू नहीं होगी। जारी दिशा निर्देशों में यह भी साफ किया गया है कि दूसरे बार एसोसिएशन के सदस्य अवध बार एसोसिएशन के चुनाव में भाग नहीं ले सकते हैं। मतदान के दौरान लंच पैकेट और विजिटिंग कार्ड बांटने पर भी रोक लगाई गई है। चुनाव प्रचार के समय पार्टियों के आयोजन पर भी हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। उल्लेखनीय है कि अवध बार एसोसिएशन के चुनाव में 14 अगस्त को चल रहे मतदान को बीच में ही चुनाव अधिकारी ने रद्द कर दिया था। चुनाव अधिकारी की ओर से नोटिस जारी किया गया जिसमें कहा गया था कि उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने अनुशासनहीनता की। वोटिंग के लिए बनाए गए स्थानों को कई बार कहने के बावजूद भी खाली नहीं किया गया और वोटर्स को प्रभावित करने की कोशिश की गई। कोविड-19 प्रोटोकॉल को न मानने और रिटर्निंग अफसर के निर्देशों का पालन न करने के चलते 14 अगस्त को मतदान रद्द किया गया था। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद 25 सितंबर को वोटिंग होगी।