टोक्यो । टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत ने इस बार अपना सबसे बड़ा दल भेजा है। ऐसे में भारत को इन खेलों में अब तक के सबसे ज्यादा करीब 15 पदक जीतने की उम्मीद है। अगर भारत उम्मीद के मुताबिक सफलता हासिल करता है तो इस बार पदक तालिका में शीर्ष 25 में जगह बना सकता है। भारत ने इससे पहले 2016 रियो पैरालंपिक में दो स्वर्ण , एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था। तब भारत को 43वां स्थान मिला था। देवेंद्र झाझरिया: रियो पैरालंपिक खेलों में झाझरिया ने 63.97 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता और इस तरह से पैरालंपिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। उन्होंने 12 साल पहले एथेंस पैरालंपिक खेलों के अपने विश्व रिकॉर्ड में सुधार किया। अब उनकी नजरें स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी करने पर रहेगी।मरियप्पन थंगावेलु (स्वर्ण पदक) : थंगावेलु ने रियो खेलों में ऊंची कूद स्पर्धा में 1.89 मीटर कूद लगाकर स्वर्ण पदक जीता था। वह देश के तीसरे स्वर्ण पदक विजेता पैरालंपियन बने थे। तमिलनाडु के सलेम जिले के रहने वाले थंगावेलु पांच साल की उम्र में दिव्यांग हो गये थे। दीपा मलिक : दीपा मलिक पैरालंपिक खेलों में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला है। उन्होंने रियो खेलों में गोला फेंक में 4.61 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता था। उनके कमर के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त है।वरुण सिंह भाटी : भाटी ने रियो खेलों में ऊंची कूद में कांस्य पदक जीता था। इस स्पर्धा में मरियप्पन थंगावेलु ने स्वर्ण पदक जीता था।
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