रियाद । पुरातत्वविदों को उम्म जीरासान नामक गुफा में हजारों हड्डियां मिली हैं जिसमें कई मानव और जानवरों के अवशेष भी शामिल हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इन हड्डियों में 7,000 वर्ष पुरानी भी है। सऊदी अरब की गुफा में पाए गए हड्डियों के विशाल संग्रह में मवेशियों, ऊंटों, घोड़ों समेत कई जानवरों की हड्डियां और मानव खोपड़ी के अवशेष पाए गए हैं। वैज्ञानिकों ने एक 1.5 किलोमीटर लंबी लावा ट्यूब में फैली हड्डियों के एक विशाल संग्रह की खोज की है। लावा ट्यूब एक गुफा होती है जो ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा से बनती है। जब पुरातत्वविदों ने गुफा से पाई गईं 1,917 हड्डियों और दांतों का विश्वेषण किया और सैंपल्स पर रेडियोकार्बन डेटिंग की तो पता चला कि वे 439 से 6,839 साल पुराने हैं। शोध से पता चलता है कि लावा गुफा का इस्तेमाल मांसाहारी लंबे समय से करते आ रहे हैं। वैज्ञानिकों ने हड्डियों पर निशानों का अध्ययन किया तो पता चला कि हड्डियों को मुख्य रूप से धारीदार लकड़बग्घों और दूसरे जानवरों द्वारा इकट्ठा किया गया था। हैरानी की बात यह है कि हड्डियों में लकड़बग्घे के अवशेष भी शामिल हैं।स्टीवर्ड के अनुसार यह रिसर्च सिर्फ एक शुरुआत है। उन्होंने बताया कि उम्म जिरसन और इस तरह के क्षेत्र इतिहास को जानने में अहम भूमिका निभाते हैं। उम्म जिरसन लकड़बग्घों द्वारा इकट्ठा की गई हड्डियों का इकलौता उदाहरण नहीं है। इस तरह का एक और हड्डियों का संग्रह चेक रिपब्लिक में भी स्थित है। यह सरबस्को चलूम कोमीन गुफा में स्थित है जिसकी खोज 1942 में की गई थी। यहां बड़े स्तरधारियों की 3500 से अधिक हड्डियों को संरक्षित किया गया है। पुरातत्वविदों का दावा है कि यह ‘हड्डी संग्रह’ एक टाइम कैप्सूल की तरह काम करेगा और शोधकर्ताओं को प्राचीन अरब के इतिहास को समझने में मदद करेगा।
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