अवैध शराब कारोबार में संलिप्त व्यीक्तियों के विरूद्ध की जायेगी कड़ी कार्रवाई

प्रयागराज।संजय आर भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव आबकारी विभाग ने मिथाइल अल्कोहल के संबंध में प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि मिथाइल अल्कोहल विष अधिनियम के तहत जहर घोषित है, जिसके दृष्टिगत मिथाइल अल्कोहल के कब्जे और बिक्री के लिए लाइसेंस और परमिट जारी करने का प्रावधान किया गया है और इसके लिए जिलाधिकारी को लाइसेंस प्राधिकारी के रूप में अधिकृत किया गया है। नियमों के तहत मजिस्ट्रेट के अलावा, पुलिस अधिकारी, राजस्व अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी और आबकारी तथा उद्योग के अधिकारी जो निरीक्षक के पद से नीचे नहीं हैं, को इन लाइसेंसों के निरीक्षण करने का अधिकार दि?या गया है। प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट/लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय नोडल समिति का गठन किया जायेगा जिसमें अपर पुलिस अधीक्षक सदस्य के रूप में तथा जिला आबकारी अधिकारी सदस्य/संयोजक के रूप में होंगे ।अपर मुख्य सचिव ने बताया है कि मिथाइल अल्कोहल के प्रयोग पर कड़ी निगरानी रखने के आदेश जारी किए गए हैं। यदि मिथाइल अल्कोहल के उत्पादन के लिए लाइसेंस प्राप्त इकाइयों के अलावा कोई अन्य इकाई इस कारोबार में संलिप्ते पाया जाता है तो ऐसी इकाई के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मिथाइल अल्कोहल के उत्पादन, भंडारण और बिक्री की गहन निगरानी की जाएगी और मिथाइल अल्कोहल के टैंक और कंटेनरों पर स्पष्ट रूप से मिथाइल अल्कोहल अंकित किया जाएगा। मिथाइल अल्को?हल का परिवहन करने वाले टैंकरों पर मोटे तथा सफेद अक्षरों में विषैला पदार्थ परिवहन किये जाने सम्बन्धी सूचना और कानूनी चेतावनी तथा दोनों तरफ उसके विष होने सम्बन्धी चिन्ह अंकित किया जाना अनिवार्य किया गया है। टैंकर से मिथाइल अल्कोहल की चोरी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए टैंकरों को ठीक से सील किया जाएगा और इसकी पुष्टि के बाद ही टैंकर भेजा जाएगा।अपर मुख्य सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि मिथाइल अल्कोहल के अवैध व्यापार में संलिप्त पाये जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। मिथाइल अल्कोहल से बनी अवैध शराब के सेवन से मौत होने पर और बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद होने की स्थिति में स्थानीय आबकारी व पुलिस अधिकारियों व कमिNयों की जवाबदेही तय की जाएगी।