नई दिल्ली । भारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज उमेश यादव का करियर अब ढ़लान की ओर है। टीम में इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह जैसे तेज गेंदबाजों के अलावा युवा मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर के आने से भी उन्हें अंतिम ग्यारह में खेलने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में अब उमेश यादव का करियर समाप्त होने की ओर लग रहा है। उमेश पहले ही एकदिवसीय और टी-20 टीम से बाहर हो गये थे और अब उन्हें टेस्ट टीम में भी अवसर नहीं मिल रहा है। ऐसे में भारतीय टीम की ओर से 48 टेस्ट खेले 33 वर्षीय उमेश यादव के लिए इंग्लैंड का यह दौरा अंतिम भी साबित हो सकता है। 33 वर्षीय उमेश ने भारत के लिए अपना अंतिम टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेला था। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एडिलेड टेस्ट में उन्होंने तीन और मेलबर्न टेस्ट में एक विकेट लिया था। उसके बाद चोटिल होने के कारण वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से बाहर हो गये थे। इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में उमेश फिट नहीं होने के कारण शामिल नहीं किये गये थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी उनको अंतिम ग्यारह में खेलने का अवसर नहीं मिला था। अब इंग्लैंड सीरीज में ऐसा ही हो रहा है। अब तक हुए दोनो ही टेस्ट मैचों में उन्हें अवसर नहीं मिला है। जिस प्रकार से पिछले मैच में सिराह, शमी ओर बूमराह ने गेंदबाजी की है उससे उमेश को तीसरे मैच में भी शायद ही जगह मिले। उमेश ने दो साल पहले साल 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना अंतिम एकदिवसीय और 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना अंतिम टी20 मुकाबला खेला था। अभी तक खेले 75 वनडे मैचों में उमेश ने 33.63 की औसत के साथ 106 और 7 टी20 मुकाबलों में 24.33 की औसत के साथ 9 विकेट लिए हैं। वैसे देखा जाए तो सीमित ओवरों के दोनों ही फॉर्मेट में उनकी वापसी के आसार अब नहीं हैं। अभी टीम प्रबंधन और कप्तान विराट कोहली युवाओं को ज्यादा अवसर दे रहे हैं।
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