पाइल्‍स, बवासीर कितना कष्ट दायक ! (विद्या वाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन )

बवासीर को दुष्ट रोग की श्रेणी में आता हैं .यह शत्रुवत कष्टदायक होता हैं .इसका मुख्य कारण हैं इसके अलावा यह छह प्रकार के होते हैं —वातिक,पैत्तिक ,कफज सन्निपातिक,शोणितज और सहज प्रकार आयुर्वेद अनुसार होते हैं ,
वातिक बवासीर के कारण —
कषायकटु तिक्तआनि ,रूक्ष्शीतलघुणि च .
प्रमिता अल्पशन्म तीक्ष्णनम मद्य मैथुनसेवनं .
लंघनं देशकालौ च शीतो व्यायाम कर्म च .
शोको वाटतपस्पर्शों हेतुर वाताशरसां मत :
,चरपर ,कषैले ,तिक्त य कड़वे ,रुख तथा लघु पदार्थों का सेवन ,अत्यल्प या समय बीत जाने पर भोजन करना ,तीक्ष्ण मद्य का सेवन अत्यधिक मैथुन ,लंघन ,शीत देश (आनूप) ,शीतकाल तथा व्यायाम का अधिक करना ,शोक वायु एवं धूप का स्पर्श ये सब वातार्श का कारण हैं.कटु अम्ल लवण तथा उष्ण पदार्थों का सेवन ,व्यायाम ,अग्नि एवं आतप का सेवन ,उष्ण देश उष्ण ऋतू क्रोध ईर्ष्या विदाही तीष्णता ,उष्णता गन भूयिष्ठ अन्नपान और औषध के सेवन से पैत्तिक अर्श की उतपत्ति होती हैं .
बवासीर से बचने के लिए लोगों को अपने खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत होती है। विशेषज्ञों के अनुसार फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ बवासीर या पाइल्स को रोकने में मददगार साबित होंगे।
बवासीर एक गंभीर बीमारी है, जो मलाशय और गुदा में मौजूद सूजन के कारण होती है। इस दौरान मल त्याग करना बेहद दर्दनाक होता है । कभी-कभी तो मल के साथ खून भी आता है। आमतौर पर पाइल्स या बवासीर दो प्रकार की होती है- आंतरिक और बाहरी बवासीर। आंतरिक बवासीर में मल त्याग के साथ खून निकलता है, जबकि बाहरी बवासीर में गुदा के आसपास का हिस्से में सूजन आ जाती है, जिसमें दर्द और खुजली होने लगती है।
इसके इलाज के तौर पर अक्सर कुछ तरह के खाद्य पदार्थों को खाने और कुछ से परहेज करने की सलाह दी जाती है। पाइल्स वाले लोगों को फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने के लिए कहते है। फाइबर मल को नरम बनाता है, जिससे इसे बाहर निकेालना आसान हो जाता है। अगर आप भी बवासीर से परेशान हैं, तो पानी और फलों के रस के रूप में आप ढेर सारे तरल पदार्थ ले सकते हैं।
बवासीर में क्या खाना चाहिए
साबुत अनाज खाएं
पाइल्स होने पर अपने आहार में ढेर सारे साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, होल व्हीट शामिल करें। बता दें कि साबुत अनाज में फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इनके सेवन से मल नरम हो जाता है और मल त्याग के दौरान होने वाले दर्द में कमी आती है।
, खूब फल खाएं
एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्वों से भरपूर फल मल त्याग को नियंत्रित करते हैं। बवासीर से परेशान लोगों के लिए सेब, अंगूर, प्रून और जामुन जैसे फलों को छिलके सहित खाना बहुत फायदेमंद है। ये सभी फल फाइबर, विटामिन और मिनरल से भरपूर हैं, जो स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे हैं।
हर्बल टी पीएं
अलग-अलग प्रकार की हर्बल चाय बवासीर के प्रबंधन में मदद कर सकती है। हर्बल टी पीने से सूजन और मल में निकलने वाले खून में कमी आती है।
केला खाएं
इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति अगर केला खांए, तो बहुत आराम मिलता है। केला गुदा की सूजन को कम कर मल त्यग को आसान बनाता है। केला एंटीबैक्टीरियल होने के लिहाज से बवासीर के घरेलू इलाज के लिए एक बेहतरीन भोजन है।
खूब पानी पीएं
बवासीर के लिए सही आहार में ढेर सारा पानी शामिल होना चाहिए। यह मल को नरम बनाकर बवासीर को निसंत्रित करने में मदद करता है। इतना ही नहीं पानी पीने से शरीर में पानी की कमी पूरी हो जाती है, इसलिए पाइल्स वाले व्यक्ति को हर दिन कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।
हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं
पाइल्स की स्थिति में हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से पाचन क्रिया आसान होती है। बवासीर के रोगियों के लिए ब्रोकोली, गोभी, गाजर, फूलगोभी और टमाटर खाये । इन सब्जियों में अधिक मात्रा में फाइबर होने से बवासीर की तकलीफ बढ़ती नहीं है।
फलों का रस पीएं
हाइड्रेट रहने के लिए दिनभर में अलग-अलग तरह के जूस पीएं। ये न केवल विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालेंगे, बल्कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट सूजन और दर्द को भी कम करेंगे। ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी और चेरी जैसे फल मलाशय और गुदा में मौजूद नसों में मजबूत करने का काम करते हैं। इसलिए इन फलों का रस जरूर पीएं।
तली-भुनी चीजें न खाएं
अगर आपको बवासीर है, तो फ्रेंच फ्राइज और ज्यादा तले हुए खाद्य पदार्थों को खाने से बचें। दरअसल, ऑयली और फ्राई फूड आइटम्स में भरपूर मात्रा में फैट मौजूद होता है, जो पाचन तंत्र पर दबाव डालकर इसे कमजोर बनाता है। इसमें मिलाए जाने वाले मसाले अम्लता को बढ़ाते हैं और सूजन पैदा करते हैं।
व्हाइट ब्रेड का सेवन न करें
दरअसल, ब्रेड को पचाना काफी मुश्किल होता है। इससे कब्ज की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए बवासीर के रोगियों को ब्रेड खाने के लिए अक्सर मना किया जाता है।इसी प्रकार मैदा का सेवन हानिकारक होता हैं
कॉफी पीने से बचें
पाइल्स के मरीज के लिए कॉफी नुकसानदायक है। इसमें मौजूद कैफीन निर्जलीकरण का कारण है। जिससे मल कठोर हो जाता है और एनल वेन्स पर दबाव डालता है। जिससे मल त्याग में दिक्कत होती है।
बवासीर को रोकने के लिए जीवनशैली में करें बदलाव
अपने आहार में फाइबर से भरपूर भोजन जैसे बीन्स, फल और सब्जियों का सेवन करें।
दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं।
रोजाना सामान्य व्यायाम करें।
लंबे समय तक शौचालय में न बैठें।
जैसे ही मन करें, शौचालय जरूर जाएं।
एक स्वस्थ आहार और जीवनशैली बनाए रखें।
यदि आप मल त्याग के दौरान दर्द का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मल पास करते समय गुदा की मांसपेशियों पर दबाव न डालें। इससे बवासीर का खतरा बढ़ जाता है।
कब्ज को रोकने के लिए हर डाइट के साथ दही का सेवन जरूर करना चाहिए।
आप बवासीर को ठीक करने वाले भोजन के बारे में जान गए हैं, तो इन्हें अपने आहार में जरूर शामिल कर लें। एक स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनावमुक्त दिमाग बवासीर को रोकने का बढ़िया उपाय है।
चिकित्सा —औषध ,शल्य चिकित्सा ,कॉटराइज़ेशन क्षार सूत्र
इसमें सबसे पहले कब्ज से बचाव करना आवश्यक हैं इसके लिए त्रिफला चूर्ण ,पंचसकार चूर्ण इसबगोल की भूसी लाभकारी होते हैं .
रक्तार्श होने पर फिटकारी का उपयोग स्थानिक कर सकते हैं .
अर्श कुठार रस ,अर्शोघ्नी वटी
कुमारी आसव ,अभयारिष्ट नियमित सेवन करने से भी लाभ होता हैं