शाहीन बाग जाकर सीएए का विरोध करने वाले शायरों को भी बुलाया था

प्रयागराज। आजादी की 75 वर्ष गांठ के मौके पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को आयोजित मुशायरे को अचानक रद्द करना पड़ा। इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की पीआरओ डॉ जया जय कपूर ने खेद जताते हुए अपरिहार्य कारणों से मुशायरे के रद्द किए जाने की जानकारी दी। हालांकि, मंच सजने और मेहमानों के आने के बाद कार्यक्रम रद्द करने को लेकर लोगों के बीच कई तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं। इधर कार्यक्रम रद्द होने की असली वजह शाहीन बाग जाकर सीएए का विरोध करने वाले शायरों को बुलाया जाना है। मुशायरे में शबीना अदीब और हाशिम फिरोजाबादी को भी अपने कलाम पेश करने के लिए बुलाया गया था। शबीना अदीब और हाशिम फिरोजाबादी ने पिछले साल दिल्ली के शाहीन बाग में जाकर सीएए का विरोध किया था। उन्होंने‌ विरोधियों के समर्थन में सभा भी की थी। दोनों शायरों ने वहां प्रधानमंत्री मोदी व सरकार के अन्य लोगों के खिलाफ विवादित टिप्पणी भी की थी। इन दोनों शायरों को बुलाए जाने का मामला सोशल मीडिया पर उछलने के बाद मुशायरे को रद्द किया गया है।दोनों शायरों की वजह से कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रयागराज के कमिश्नर संजय गोयल ने आने से इंकार कर दिया था। इसके साथ ही इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने अध्यक्षता करने से भी मना कर दिया था, जिसके बाद औपचारिक शुरुआत से पहले सैकड़ों की भीड़ के बीच अचानक कार्यक्रम रद्द किया गया। कार्यक्रम रद्द करने का ऐलान होने से पहले तमाम शायर व दूसरे मेहमानों के साथ ही बड़ी संख्या में श्रोता भी कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए थे। विवादित शायरों के साथ ही ताहिर फराज, भूषण त्यागी, इकबाल अशर, पॉपुलर मेरठी, भालचंद्र त्रिपाठी, कलीम कैसर और मोइन शादाब को भी मुशायरे में बुलाया गया था। यूनिवर्सिटी के सीनेट हॉल में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का उर्दू डिपार्टमेंट, उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी और यूनिवर्सिटी की केंद्रीय सांस्कृतिक समिति ने साझा तौर पर मुशायरे का आयोजन किया था ।