न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेटिटिआ जेम्स के कार्यालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्र्यू क्यूमो महिलाओं को गलत तरीके से हाथ लगाते थे। उन पर महिलाओं को किस करने, अभद्र कमेंट करने के आरोप भी लगे हैं। गवर्नर एंड्र्यू क्यूमो पर 11 महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप भी लगाया है। इसके बाद गवर्नर एंड्र्यू क्यूमो पर इस्तीफा देने का भारी दवाब बन रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा मुझे लगता है कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। हालांकि, बाइडन ने यह नहीं बताया कि अगर क्यूमो पद छोड़ने से इनकार करते हैं, तो न्यूयॉर्क राज्य विधायिका उनके ऊपर महाभियोग चलाएगी या नहीं। इधर मामले में एंड्र्यू क्यूमो पर लगे आरोपों की जांच के लिए दो सीनियर वकीलों के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया। करीब पांच महीने की जांच के बाद वकीलों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार के अंदर और सरकार के बाहर आरोप लगाने वाली 11 महिलाओं के दावे सच हैं। गवर्नर एंड्र्यू क्यूमो ने उनके साथ गलत हरकत की है। आरोप लगाने वालों में गवर्नर की एक सहयोगी भी शामिल हैं। हालाकि एंड्र्यू क्यूमो ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि जो भी फैक्ट्स आए हैं, वो पूरी तरह से अलग हैं। उन्होंने कहा, मैंने कभी किसी महिला को गलत तरह से छुआ भी नहीं है और ना ही मैंने किसी महिला के लाथ गलत व्यवहार किया है। क्यूमो ने कहा मैं अपने पद से इस्तीफा नहीं दूंगा। मेरे पास महाभियोग रोकने के लिए पर्याप्त समर्थन हासिल है।अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी और न्यूयॉर्क के सीनेटर चक समर और सीनेटर क्रिस्टर गिलिब्रांड ने भी न्यूयॉर्क गवर्नर एंड्र्यू क्यूमो के इस्तीफे की मांग की है। वहीं, न्यूयॉर्क एसेंबली के नेता, जिनके पास गवर्नर एंड्र्यू क्यूमो के खिलाफ महाभियोग का आरोप लगाने की शक्ति है। उन्होंने भी कहा है कि अब गवर्नर एंड्र्यू क्यूमो को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार और नैतिकता नहीं है। वहीं, न्यूयॉर्क असेंबली के स्पीकर कार्ल हेस्टी, जो एक डेमोक्रेट नेता हैं, उन्होंने भी कहा कि वह जितनी जल्दी हो सके महाभियोग की जांच पूरी करने के लिए आगे आएं। कहा गया है कि गवर्नर एंड्र्यू क्यूमो पाकिस्तान के पक्षकार भी हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में न्यूयॉर्क असेंबली में भारत के खिलाफ प्रस्ताव पास करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। न्यूयॉर्क असेंबली में हर साल 5 फरवरी को कश्मीर-अमेरिका दिवस मनाने का प्रस्ताव इसी साल पास किया गया था। न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली में पास रिजोल्यूशन में कहा गया है, न्यूयॉर्क राज्य सभी कश्मीरी लोगों के लिए धर्म, आंदोलन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित उनके मानवाधिकारों को समर्थन करता है। जो कि विभिन्न सांस्कृतिक, जातीय और धार्मिक पहचान की मान्यता के जरिए संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के मुताबिक है। प्रस्ताव पास होने के बाद पाकिस्तान ने दावा किया था कि अमेरिका में भारत के खिलाफ प्रस्ताव पास कराने में उसी की भूमिका है।
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