2017 के पहले कलंकित हो गयी थीं सरकारी नौकरियां-योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया वर्ष 2017 के पहले कैसे कलंकित हो चुकी थी, यह सबने देखा है। सरकारी नौकरियों में भाई-भतीजावाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार इस कदर हावी हो चुका था कि न्यायालय को नियुक्तियों की सीबीआई जांच कराने का आदेश देना पड़ा। यह युवाओं की प्रतिभा और उनके जीवन के साथ खिलवाड़ ही नहीं, बल्कि इसके पीछे उन्हें कुंठित करने की कुत्सित मंशा भी थी। इस मंशा के तहत पिछली सरकारों की शरारतो का भुक्तभोगी उत्तर प्रदेश का युवा होता था। यह वही प्रदेश है जहां बेईमानी और भ्रष्टाचार का लेबल सरकारी नौकरियों पर पहले ही लग जाता था। कई मामले अदालत में जाते थे और नौकरियां बाधित हो जाती थी।मुख्यमंत्री योगी मंगलवार को यहां उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सम्मिलित राज्य, प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2019 में चयनित उपजिलाधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। लोक भवन में कुल 49 उपजिलाधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया, जिसमें 45 तो 2019-20 तथा चार 2018-19 के थे। इस मौके पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य एवं सबसे बड़ी प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा बनने के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा नव-चयनित सभी अधिकारियों को हृदय से बधाई देता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को एक निष्पक्ष, पारदर्शी चयन की प्रक्रिया को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने के लिए मैं हृदय से धन्यवाद देता हूं।उन्होंने कहा कि प्रादेशिक सेवाएं भारतीय प्रशासनिक सेवा की रीढ़ होती हैं। नवचयनित अधिकारी, अपने उत्तरदायित्व के निर्वहन में निष्पक्षता व पारदर्शीता अवश्य अपनाएं। जिससे आपकी प्रशासनिक सेवाओं का लाभ प्रदेश के हर नागरिक को प्राप्त हो सके। हमारी सरकार के कार्यकाल में नियुक्तियों में शुचिता और पूरी पारदर्शीता बरती जा रही है। इसी कारण हमारी सरकार ने करीब सवा चार वर्ष के कार्यकाल में योग्यता व क्षमता के आधार पर युवाओं को 4.50 लाख सरकारी नौकरियां दी हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सभी नागरिकों को न्याय मिले यह आपका दायित्व होगा। आधी से अधिक समस्याएं राजस्व से जुड़ी हुई होती हैं। इसमें भी आम आदमी प्रशासनिक अनिर्णय का शिकार होता है। किसी प्रकार की अव्यवस्था और दुव्र्यवस्था नहीं होनी चाहिए। सभी को न्याय मिलना चाहिए। न्याय आपकी कार्यपद्धति से झलकना चाहिए। हम समाज के लिए समस्या न बने समाज की समस्या सुलझाएं। उन्होंने कहा कि मैं कही भी रहूं जनता दर्शन करता हूं। यह कार्य हर एक अफसर करें तो समस्याएं खत्म हो जाएंगी। मैं मुख्यमंत्री हूं मेरे पास बहुत काम हैं, लेकिन मैं लोगों से मिलता हूं। प्रशासनिक पद पर बैठा व्यक्ति अपने को प्रोटोकॉल से दूर रखे। हम किसी के काम मे हस्तक्षेप नहीं करते लेकिन तटस्थ रहकर समीक्षा करते हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने अव्यवस्था, अराजकता, भ्रष्टाचार के साथ भाई-भतीजावाद के अड्डे बन चुके भर्ती से जुड़े आयोगों और बोर्ड को इनसे मुक्ति दिलाकर इस जड़ता को दूर किया है। हमने तो भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्षता, शुचिता और पारदर्शीता के साथ तेजी से आगे बढ़ाते हुए युवाओं को उनकी मेरिट, प्रतिभा, योग्यता और क्षमता के अनुसार नौकरियां दीं। इसी का परिणाम है कि पिछले सवा चार वर्षों में हुई करीब साढ़े चार लाख भर्तियां हुईं और कोई भी चयन प्रक्रिया अदालत में लंबित नहीं है।