भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल में आज अर्जेंटीना से खेलेगी

टोक्यो । भारतीय महिला हॉकी टीम बुधवार को होने वाले सेमीफाइनल में अर्जेंटीना से मुकाबले के लिए उतरेगी। पहली बार सेमीफाइनल खेल रही महिला टीम क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली जीत के बाद से ही उत्साहित है और इस मुकाबले को जीतकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाना चाहेगी। भारतीय टीम की सभी खिलाड़ियों का प्रदर्शन अब तक शानदार रहा है। ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकमात्र पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदलकर जीत दिलाई। वहीं गोलकीपर सविता पूनिया ने सात पेनाल्टी कार्नर रोककर दिखाया कि टीम का मनोबल कितना बढ़ा हुआ है। कप्तान रानी रामपाल और कोच सोर्ड मारिन ने टीम को विपरीत हालातों में जीत की राह पर डाला है। शुरुआती तीन मुकाबले हारने के बाद भी कोच ने टीम को प्रेरित करना जारी रखा। भारतीय महिला हॉकी टीम का ओलंपिक में इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मास्को ओलंपिक 1980 में रहा था जब वह छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी। अब टोक्यो में भारतीय महिलाएं पहली बार ओलंपिक फाइनल में पहुंचने के इरादे से उतरेंगी। महिला टीम की हालांकि राह आसान नहीं है और उसे विश्व की दूसरे नंबर की टीम अर्जेंटीना के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। गोलकीपर सविता की अगुवाई में भारतीय रक्षापंक्ति ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन खेल दिखाया और अपने एकमात्र गोल का अच्छी तरह से बचाव किया। गुरजीत, दीप ग्रेस एक्का, मोनिका और उदिता को लैस लियोन्स जैसी खिलाड़ियों को रोकने के लिये इसी तरह के प्रयास जारी रखने होंगे। वहीं दूसरी ओर अर्जेंटीना की महिला टीम ने सिडनी 2000 और लंदन 2012 में रजत पदक जीता था पर अभी तक स्वर्ण पदक हासिल नहीं कर पायी है। वह 2012 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है। उसने क्वार्टर फाइनल में 2016 के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता जर्मनी को 3-0 से हराया था। आंकड़ों पर नजर डालें तो अर्जेंटीना का पलड़ा भारी लगता है। इस वर्ष भारतीय महिलाओं ने अर्जेंटीना के दौरे में सात मैच खेले थे। इनमें से अर्जेंटीना की युवा टीम के खिलाफ उसने दोनों मैच 2-2 और 1-1 से ड्रा कराये। भारत इसके बाद अर्जेंटीना की बी टीम से उसे 1-2 और 2-3 से हार झेलनी पड़ी। अर्जेंटीना की सीनियर टीम के खिलाफ उसने पहला मैच 1-1 से ड्रा खेला पर अगले दोनो मैचों में उसे 0-2 और 2-3 से हार का सामना करना पड़ा।