काबुल । अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान हिंसा को लेकर कहा कि पिछले दो दशक में तालिबान और अधिक क्रूर और दमनकारी हुआ हैं।राष्ट्रपति गनी ने कहा कि तालिबान में नकारात्मक बदलाव हुआ है।उन्हें शांति, समृद्धि या प्रगति को कोई इच्छा नहीं है, हम शांति चाहते हैं, लेकिन वे समर्पण यानि दबे हुए लोग और सरकार चाहते हैं।’अफगानिस्तानी राष्ट्रपति का बयान उस समय में आया है, जब अमेरिकी और नाटो सेनाओं की वापसी के बाद तालिबान ने अपने हमले तेज कर कई इलाकों को कब्जे में लिया है। गनी ने कहा कि जब तक युद्ध के मैदान में हालात नहीं बदलते हैं, तालिबान सार्थक बातचीत में शामिल नहीं होने वाले, इसकारण देश भर में लोगों को एकजुट करने की जरूरत है। वहीं,अफगानिस्तानद के पहले उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने तालिबान को मदद पहुंचाने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगा दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का इरादा सार्थक बातचीत में शामिल होने का नहीं है।बता दें कि अफगानिस्तान के स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि तालिबान आम लोगों को निशाना बना रहा है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल के पहले छह महीने में 1677 नागरिक मारे गए हैं और 3644 घायल हुए हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल हताहतों की संख्या 80 फीसद बढ़ी है।इधर राष्ट्रपति गनी ने कहा है हिंसा प्रभावित देश की स्थिति में अगले छह महीनों के भीतर बदलाव दिखाई देगा क्योंकि उन्होंने जोर देकर कहा कि शहरों की सुरक्षा उनकी सरकार की प्राथमिकता है। गनी की टिप्पणी तब आई जब अफगान बलों ने रविवार को तालिबान लड़ाकों और ठिकानों पर लड़ाई लड़ी और बमबारी की। जिसमें तालिबानियों का भारी नुकसान होने की संभावना है। वहीं अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रायल के सोशल मीडिया से बमबारी का वीडियो जारी कर दावा किया है, कि सेना ने तालिबान के ठीकानों पर हवाई हमले किए हैं।इसमें सैकड़ों तालिबान आतंकवादियों को मार गिराया है। हेरात प्रांत में अमेरिकी वायुसेना के एक बी-52 विमान द्वारा किए हवाई हमले में कम से कम 200 सौ तालिबान आतंकवादी मारे गए। अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों ने गजनी, कंधार, फराह, जोजजान, बल्ख, समांगन, हेलमंद, तखर, कुंदुज, बगलान, काबुल और कपिसा प्रांतों में तालिबान के खिलाफ प्रमुख अभियान और जवाबी हमले किए हैं।
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