शहीद-ए-आजम ऊधम सिंह के ८१वीं पुण्य तिथि पर नगर वासियों ने उनका भावपूर्ण स्मरण किया

प्रयागराज।अमर शहीद चन्द्र शेखर आजाद एवं शहीद-ए-आजम भगत सिंह स्मारक समिति व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान आज प्रातः साढ़े नौ बजे ऐतिहासिक आजाद पार्क में शहीद-ए-आजम ऊधम सिंह के तैल चित्र पर फूल माला अर्पित कर नगर के गणमान्य नागरिकों न्यायविद राजनेता व प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीदे उधम सिंह अमर रहें-अमर शहीद चन्द्र शेखर आजाद अमर रहें व इंकलाब जिन्दाबाद के नारे लगाते हुये शहीद ऊधम सिंह श्रद्धापूर्वक स्मरण किया। उक्त अवसर उ०प्र० सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने २१ गन शाट फायर कर सम्मान गारद द्वारा सलामी व पुलिस बैंड द्वारा राष्ट्र भक्ति ध्वनि बजाकर सम्मान प्रकट किया।मुख्य अतिथि अशोक कुमार कनौजिया (अपर जिलाधिकारी नगर) अमर शहीद ऊधम सिंह के संघर्षमय जीवन पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पार्षद शिव सेवक सिंह ने कहा कि शहीद ऊधम सिंह का जन्म २६ दिसम्बर १८९९ को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में हुआ था। इनके बचपन का नाम शेर सिंह था। विशिष्ट अतिथि राजीव वर्मा ने कहा कि ऊधम सिंह १३ अपै्रल १९१९ को घटित जालिया वाला बाग नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी थे इस घटना से वो तिलमिला गये और बाग की मिट्टी हाथ में लेकर माइकल वो डायर को सबक सिखाने की प्रतिज्ञा ले ली और २१ साल बाद पीछा करते-करते १३ मार्च १९४० को लंदन के काक्सटन हाल में बैठक थी वहाँ पहुँच कर डायर को मौत के घाट उतार दिया, वहाँ से भागे भी नहीं अपनी गिरफ्तारी दे दी और ३१ जुलाई १९४० को उन्हें पेंटन विले जेल में फांसी दे दी गई।अध्यक्षता करते हुय राजू जायसवाल मर्केरी जी ने कहा कि ऊधम सिंह देश में सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे और इसलिए उन्होंने अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद सिंह आजाद रख लिया।कार्यक्रम का संचालन महासचिव राज बहादुर गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित प्रो० श्रीबल्लभ जी किया।कार्यक्रम में कोविद-१९ के कारण बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हुआ। २ गज दूरी-मास्क जरूरी का पालन किया गया।प्रमुख रूप से सर्व उमेश उत्तम उद्यान अधीक्षक प्रो० श्याम बिहारी, प्रो० ओ०डी० सिंह, डॉ० एस०पी० सिंह, गौतम त्रिपाठी, विशाल गुप्ता, महेश त्रिपाठी, अतुल राय, अमन सिंह, प्रभाकान्त मिश्रा, निखिल जायसवाल, सरदार राजेन्द्र सिंह बेदी के साथ गुरू सिंह सभा के सम्मानित पदाधिकारीगण मौजूद रहे।