नयी दिल्ली| लोकसभा में गुरुवार को भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2021 बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित हो गया।सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस विधेयक के संबंध में कहा कि सरकार का लक्ष्य आम लोगों, गरीबों, ग्रामीण अंचलों और छोटे शहरों में रहने वाले लोगों को सस्ती हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध करना है ।उन्होंने कहा कि सरकार सुलभ हवाई यात्रा को देश के अधिकांश भागों तक पहुंचाने के लिये प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यात्रा का प्रजातांत्रिकरण हुआ है और अब हवाई यात्रा सिर्फ अमीरों की बजाय गरीब जनता को भी हासिल हो रही है।श्री सिंधिया ने कहा, “नए हवाई अड्डों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें छोटे शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी। हवाई अड्डों के विकास और निर्माण में निजी और सरकारी क्षेत्र की भागीदारी होगीआत्मनिर्भर भारत की सोच के तहत उड्डयन क्षेत्र में भारत पूरे विश्व का नेतृत्व करेगा।”इस विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि यह ‘महाविमानपत्तन’ की परिभाषा को संशोधित करने का प्रस्ताव करता है जिससे उसकी परिधि में विमानपत्तनों के समूह के लिये शुल्क का निर्धारण करने के लिये विस्तार किया जा सके। यह छोटे विमानपत्तनों के विकास को प्रोत्साहन प्रदान करेगा।इसमें कहा गया है कि जिन विमानपत्तनों में अभी यातायात की संभावना कम है और हानि होने के कारण तर्कसंगत प्रतिस्पर्धी बोलियां आमंत्रित करने की संभावना नहीं है, वहां सार्वजनिक निजी भागीदारी से अधिक विमानपत्तनों का विकास सुदूर एवं दूरस्थ क्षेत्रों में वायु सम्पर्क का विस्तार करेगा।इसमें कहा गया कि इस रुख से न केवल अधिक यातायात एवं लाभ प्रदान करने वाले विमानपत्तनों का विकास होगा बल्कि कम यातायात वाले एवं लाभ नहीं कमाने वाले विमानपत्तनों का भी विकास होगा
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