विज्ञान विषय से 12वीं करने के बाद अगर आप डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बन पाये तो निराश न हों। कई अन्य क्षेत्र हैं जहां आप बेहतर रोजगार हासिल कर सकते हैं। विज्ञान में आपार संभावनाएं हैं। यह एक बहुत बड़ी स्ट्रीम हैं जिसमें एक या दो नहीं बल्कि ढेरों विकल्प मौजूद हैं। आज के उच्च तकनीकी युग में इन नये क्षेत्रों की मांग भी काफी ज्यादा है। नैनो-टेक्नोलॉजी: एक रिपोर्ट के अनुसार भविष्य में नैनो टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के 3.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में इस क्षेत्र में लाखों पेशेवरों की जरूरत होगी। 12वीं के बाद नैनो टेक्नोलॉजी में बीएससी या बीटेक और उसके बाद इसी विषय में एमएससी या एमटेक करके इस क्षेत्र में शानदार करियर बनाया जा सकता है।इसके अलावा कॉस्मोलॉजी, स्टेलर साइंस, प्लैनेटरी साइंस, एस्ट्रोनॉमी जैसे कई विषयों में तीन साल की बीएससी और चार साल के बीटेक से लेकर पीएचडी तक के कोर्सेज खास तौर पर इसरो और बेंगलुरु स्थित आईआईएससी में कराए जाते हैं।एस्ट्रो-फिजिक्स: अगर आप सितारों और गैलेक्सी में दिलचस्पी रखते हैं तो 12वीं के बाद एस्ट्रो-फिजिक्स में रोमांचक करियर बना सकते हैं। इसके लिए आप चाहें तो पांच साल के रिसर्च ओरिएंटेड प्रोग्राम (एमएस इन फिजिकल साइंस) और चार या तीन साल के बैचलर्स प्रोग्राम (बीएससी इन फिजिक्स) में प्रवेश् ले सकते हैं। एस्ट्रोफिजिक्स में डॉक्टरेट करने के बाद स्टूडेंट्स इसरो जैसे रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन में साइंटिस्ट बन सकते हैं। पर्यावरण विज्ञान: इस स्ट्रीम में पर्यावरण पर इंसानी गतिविधियों से होने वाले असर का अध्ययन किया जाता है। इसके तहत इकोलॉजी, आपदा प्रबंधन, वन्य जीव प्रबंधन , प्रदूष्ण नियंत्रण जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। इन सभी विषयों में एनजीओ और यूएनओ के प्रोजेक्ट्स बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में जॉब की अच्छी संभावनाएं हैं।वॉटर साइंस: यह जल की सतह से जुड़ा विज्ञान है। इसमें हाइड्रोमिटियोरोलॉजी, हाइड्रोजियोलॉजी, ड्रेनेज बेसिन मैनेजमेंट, वॉटर क्वॉलिटी मैनेजमेंट, हाइड्रोइंफॉर्मेटिक्स जैसे विषयों की पढ़ाई करनी होती है। हिमस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में तेजी से मांग बढ़ रही है।माइक्रो-बायोलॉजी: माइक्रो-बायोलॉजी की फील्ड में एंट्री के लिए बीएससी इन लाइफ साइंस या बीएससी इन माइक्रो-बायोलॉजी कोर्स कर सकते हैं। इसके बाद मास्टर डिग्री और पीएचडी भी का ऑप्शन भी है। इसके अलावा पैरामेडिकल, मरीन बायोलॉजी, बिहेवियरल साइंस, फिशरीज साइंस जैसे कई फील्ड्स हैं, जिनमें साइंस में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स अच्छा करियर बना सकते हैं।डेयरी साइंस: डेयरी प्रोडक्शन के क्षेत्र में भारत अहम देश है। भारत डेयरी प्रोडक्शन में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। डेयरी टेक्नोलॉजी या डेयरी साइंस के तहत मिल्क प्रोडक्शन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज और डिस्ट्रिब्यूशन की जानकारी दी जाती है। भारत में दूध की खपत को देखते हुए इस क्षेत्र में ट्रेंड प्रोफेशनल्स की डिमांड बढऩे लगी है। विज्ञान से 12वीं करने के बाद स्टूडेंट ऑल इंडिया बेसिस पर प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद चार वर्षीय स्नातक डेयरी टेक्नोलॉजी के कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। कुछ इंस्टीट्यूट डेयरी टेक्नोलॉजी में दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी ऑफर करते हैं।रोबोटिक साइंस: रोबोटिक साइंस का क्षेत्र काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसका इस्तेमाल इन दिनों तकरीबन सभी क्षेत्रों में होने लगा है। जैसे-हार्ट सर्जरी, कार असेम्बलिंग, लैंडमाइंस। अगर आप इस फील्ड में आना चाहते हैं तो इस क्षेत्र से जुड़े कुछ स्पेशलाइजेशन कोर्स भी कर सकते हैं। जैसे ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, एडवांस्ड रोबोटिक्स सिस्टम. कम्प्यूटर साइंस से स्नातक कर चुके स्टूडेंट्स इस कोर्स के लिए योग्य माने जाते हैं। रोबोटिक में एमई की डिग्री हासिल कर चुके स्टूडेंट्स को इसरो जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में रिसर्च वर्क की नौकरी मिल सकती है।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post