एस्ट्राजेनका वैक्सीन के नए साइड इफेक्ट ने बढ़ाई चिंता, डब्ल्युएचओ ने किया आगाह

नई दिल्ली। डब्ल्युएचओ ने जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनका जैसी एडिनोवायरस वेक्टर कोविड वैक्सीन पर चिंता जाहिर की है। वैक्सीन सेफ्टी पर बनी ग्लोबल एडवाइजरी कमिटी ने अपने बयान में गुलियन बैरे सिंड्रोम (जीएसबीएस) जिक्र किया है जो कि एक ऑटोइम्यून डिसॉर्डर है। इसमें इम्यून अपने शरीर के नर्व्स सिस्टम को डैमेज करने लगता है। डब्ल्युएचओ की ग्लोबल एडवाइजरी कमिटी की ओर से दी गई चेतावनी में कहा गया कि जॉनसन और एस्ट्राजेनका वैक्सीन के शॉट से इम्यून सिस्टम डिसॉर्डर की समस्या हो सकती है। यह बीमारी कमजोर मांसपेशियां, दर्द, सुन्नपन और पैरालाइज की दिक्कत को ट्रिगर कर सकती है।जीएसीवीएस ने 13 जुलाई को जॉनसन और एस्ट्राजेनका वैक्सीन से होने वाले ऐसे गंभीर लक्षणों की रिपोर्ट पर एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस की थी। ये दोनों ही वैक्सीन एडिनोवायरस प्लेटफॉर्म को अपनी रीढ़ की तरह इस्तेमाल करती हैं। आक्सफोर्ड एस्ट्राजेनका वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के नाम से मैनुफैक्चर किया गया है। एक्सपर्ट ने बताया कि जीबीएस इंफेक्शन सहित कई कारणों से उत्पन्न हो सकता है। ये दिक्कत पुरुषों और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में ज्यादा देखी जा सकती है। ग्लोबल एजेंसी ने कहा कि वैक्सीनेशन के बाद इसके मामले गुप्त रूप से बढ़ सकते हैं। साल 2011 के एक रिव्यू और मेटा एनालिसिस के मुताबिक, यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में एक लाख में से 0।8-1।9 मामलों में जीबी सिंड्रोम का अनुमान लगाया गया है। डब्ल्युएचओ के मुताबिक, यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी की फार्माकोविजिलेंस रिस्क एसेस्मेंट कमिटी (पीआईएसी) ने 9 जुलाई को वेक्सजेवरिया (यूरोप में मैनुफैक्चर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन) को लेकर एक बयान जारी किया था। इसमें वैक्सीनेशन के बाद जीबीएस को लेकर सतर्क रहने की सिफारिश की गई थी। हालांकि, वे वैक्सीन के साथ जीबीएस की ना तो पुष्टि कर सके और ना इससे इनकार कर सके। रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपियन यूनियन में 27 जून 2021 तक वैक्सीनेशन के बाद जीबीएस के कुल 227 मामले दर्ज किए गए थे। यहां 20 जून 2021 तक वेक्सजेरिया से करीब पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट किया जा चुका है। जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा निर्मित जानसम एंड जानसन वैक्सीन के लिए अमेरिका फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने 13 जुलाई को वैक्सीनेशन प्रोवाइडर फैक्ट शीट में संशोधन की घोषणा की थी। इसमें जीबीएस के जोखिम से जुड़ी जानकारी को शामिल करने को कहा गया था। इम्यूनाइजेशन प्रैक्टिस पर अमेरिका की एडवाइजरी कमिटी ने 22 जुलाई की बैठक में इस जानकारी की समीक्षा की। दरअसल 30 जून तक वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट्स में जीबीएस के 100 मामले दर्ज किए जा चुक थे। अमेरिका में वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत करीब 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा लोगों को जानसन एंड जानसन के डोज दिए जा चुके हैं।