डरहम । भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि कोरोना-19 संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से 10 दिनों तक अलग-थलग किये जाने का नियम सही नहीं है। शास्त्री ने कहा कि इसे बंद किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि किसी भी संक्रमित के संपर्क में आने वाले व्यक्ति को अलग-थलग करने की जगह हमें टीकाकरण पर भरोसा होना चाहिये। शास्त्री ने भारत के गेंदबाजी कोच भरत अरूण को टीकाकरण पूरा होने के बाद भी अलग-थलग किये जाने को देखते हुए यह बात कही। इंग्लैंड के कोविड-19 नियमों के तहत अरूण के अलावा अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा और स्टैंड बाई सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन को 10 दिन तक अलग-थलग रहना पड़ा क्योंकि वे थ्रोडाउन विशेषज्ञ दयानंद गरानी के संपर्क में आए थे जबकि इनका आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव रहा था। इन तीनों को ही डेढ़ हफ्ते का अनिवार्य पृथकवास पूरा करने के बाद टीम के जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में शामिल किया गया। आरटी-पीसीआर परीक्षण में नेगेटिव पाए जाने के बावजूद इन तीनों को अलग-थलग होना पड़ा। शास्त्री ने अरूण के साथ सेल्फी पोस्ट करते हुए लिखा कि मेरा दाहिना हाथ वापस आ चुका है। नेगेटिव पाए जाने के बावजूद अलग-थलग 10 दिन बिताने के बाद और अधिक फिट और मजबूत लग रहा है। ये अलग-थलग करने के नियम काफी हताश करने वाले हैं। टीकाकरण के दौरान लगे दो टीकों पर भरोसा किया जाना चाहिए।
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