कोरोना पर बेनकाब होने से बचने के तरीके खोज रहा चीन

जेनेवा । कोरोना वायरस की शुरुआत कहां से हुई, इसकी जांच को लेकर चीन शुरू से आनाकानी करता रहा है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन के दूसरे चरण की जांच को लेकर चीन ने सवाल उठाए हैं। चीन ने दूसरे चरण की जांच को राजनीतिक हेरफेर का एक प्रोडक्ट बताया है। चीनी ने दूसरे चरण की जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की योजना को खारिज कर दिया है। अमेरिका सहित कई देशों ने चीन किए इस कदम की आलोचना की है। मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने चीन सहित सभी सदस्य देशों से कोरोना वायरस के शुरुआत का पता लगाने में सहयोग की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा है कि, हम चीन सहित सभी सदस्य देशों से विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ पूरी तरह से सहयोग करने का आग्रह करते हैं। अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन को लगता है कि इसके लिए और जानकारी की जरुरत है, तो हमें उम्मीद है कि वे सभी सहयोग करेंगे। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जुलाई की शुरुआत में चीन में कोरोना वायरस के ऑरिजिन के स्टडी के लिए दूसरे चरण का प्रस्ताव रखा था। इसके तहत चीन के अधिकारियों से पारदर्शिता की मांग की गई थी। इसमें वुहान शहर के बाज़ार, लैब्स की जांच की बात कही गई थी। 22 जुलाई को चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की योजना के मानदंड अपमानजनक थे। हाल के दिनों में कोरोना वायरस के लैब-लीक थ्योरी को लेकर बहुत सी बातें हो रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी लैब-लीक थ्योरी एंगल से जांच की बात कही थी। उन्होंने अमेरिकी जांच एजेंसियों से वायरस के ऑरिजन का पता लगाने को कहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम कोरोना वायरस के ऑरिजन का पता लगाने के लिए 2021 के शुरुआत में चीन पहुंची थी लेकिन टीम को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा क्योंकि चीन ने निष्पक्ष तरीके से जांच में सहयोग नहीं किया था।