लखनऊ । केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालजी टंडन की स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि यूपी में भाजपा को सत्ता के गलियारे में स्थापित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। रक्षामंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने मुख्य हजरतगंज क्षेत्र में बहुस्तरीय पार्किंग के सामने टंडन की 12 फुट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन करने के दौरान यह बात कही। सिंह ने कहा, 26 साल की उम्र में मैं पहली बार विधायक बना तब से टंडन जी के बारे में जानता हूं। प्रत्यक्ष रूप से भले समझ में न आए लेकिन मैं जानता हूं कि उत्तर प्रदेश में भाजपा को सत्ता के गलियारे में टंडन जी ने स्थापित किया। कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना होता था,तब उसमें टंडन जी की भागीदारी होती थी और कल्याण सिंह से लेकर सभी मुख्यमंत्री उनकी सलाह लेते थे।इस मौके पर राजनाथ सिंह ने यूपी में ‘अराजकता के माहौल को खत्म करने और राज्य के विकास को दिशा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा भी की। रक्षा मंत्री ने कहा कि दो व्यक्ति लखनऊ में ऐसे थे, जो लखनऊ की संस्कृति, संस्कार और व्यवहार न केवल समझते थे बल्कि उसी के अनुरूप अपना जीवन जीते थे जिनमें एक डॉक्टर योगेश प्रवीन थे और दूसरे लालजी टंडन थे। उन्होंने कहा कि दोनों लखनऊ के ‘इनसाइक्लोपीडिया थे। इतिहासकार प्रवीन का पिछले दिनों निधन हो गया। लालजी टंडन के व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, व्यक्ति का पद और कद चाहे कितना बड़ा क्यों न हो, उसे अपनी जमीन से नहीं कटना चाहिए, यह सीखना हो तो टंडन जी से सीखें…संबंधों का निर्वाह वह बखूबी करते थे। उन्होंने कहा, सपा, बसपा, कांग्रेस सभी दल के नेताओं से उनके अच्छे रिश्ते थे। हर धर्म, हर मजहब के लोगों से उनके अच्छे रिश्ते थे। मायावती जी उप्र की मुख्यमंत्री थीं,तब उन्हें अपना भाई कहती थीं। संबंधों को जीवंत बनाए रखना सीखना हो तो यह टंडन जी से सीख सकते हैं। सिंह ने कहा, राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए, यह उनकी अवधारणा थी। उन्होंने विकास की राजनीति की, इसलिए लोग उन्हें विकास पुरुष के नाम से नवाजते थे। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी और टंडन के रिश्तों का जिक्र कर रक्षामंत्री ने कहा, मैं अटल जी को श्रीराम की भूमिका में देखता था… टंडन जी को लखनऊ के लखन के रूप में देखता था। सिंह ने कहा कि एक अखबार के एक अंक का लोकार्पण करते हुए यहां कभी अमृत लाल नागर ने कहा था कि लखनऊ के बारे में अगर उनसे ज्यादा कोई जानता है,तब वह टंडन हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टंडन ने पार्टी के पार्षद से लेकर नगर विकास मंत्री और बिहार व मध्यप्रदेश के राज्यपाल के रूप में अपनी अमूल्य सेवाएं प्रदान की और सार्वजनिक जीवन में लंबा समय व्यतीत किया। उन्होंने कहा कि समाज के हर तबके में उनके प्रशंसक थे और उन सभी के साथ उनका व्यवहार आत्मीयता का था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने लखनऊ वासियों को अपनी पुस्तक अनकहा लखनऊ समर्पित की थी और लखनऊ वासियों ने उन्हें बाबूजी के रूप में भरपूर सम्मान दिया। आज टंडन जी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी स्मृतियां हमारे साथ रहेंगी। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बाबूजी (लालजी टंडन) सिर्फ लखनऊ के नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के थे और पूरे प्रदेश के लोग उन्हें दिल से मानते थे। वहीं उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि टंडन सभी धर्मों के लोगों के बीच समान रूप से लोकप्रिय थे। वह लखनऊ की चलती फिरती विरासत थे।लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि पहले यह प्रतिमा लखनऊ चौक में प्रस्तावित थी लेकिन लोगों ने इसे अटल चौक के पास स्थापित करने का अनुरोध किया। उन्होंने पार्क का नाम टंडन के नाम पर रखने की घोषणा की। लालजी टंडन के पुत्र और राज्य सरकार के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल जी ने आभार ज्ञापन किया। समारोह में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ल सहित कई प्रमुख लोग शामिल हुए।