नयी दिल्ली| रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने देश में ही बनी हल्की और न्यूनतम दूरी की टैंक रोधी दिशा निर्देशित मिसाइल का बुधवार को सफल परीक्षण किया।हल्की होने के कारण इस स्वदेशी मैन पोर्टेबल मिसाइल को आसानी से बिना किसी वाहन के कहीं भी ले जाया जा सकता है और इसे दागने के लिए किसी मशीनी लांचर की जरूरत भी नहीं है और कोई भी व्यक्ति इसे पोर्टेबल लांचर से दाग सकता है। दागो और भूल जाओ की श्रेणी वाली इस मिसाइल का निशाना अचूक होता है और इससे जहां एक ओर सेना की मारक क्षमता बढ़ेगी वहीं दूसरी ओर इससे आत्मनिर्भर भारत योजना को भी बढ़ावा मिलेगा।आज के परीक्षण में इस मिसाइल ने टैंक रूपी लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा और उसे पूरी तरह नष्ट कर दिया।परीक्षण के दौरान मिशन के सभी लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरे हुए। इस परीक्षण से मिसाइल द्वारा न्यूनतम दूरी के लक्ष्य को नष्ट करने की क्षमता की भी पुष्टि हुई है। इस मिसाइल का अधिकतम दूरी के लिए पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।यह टैंक रोधी मिसाइल अत्याधुनिक इंफ्रारेड इमेजिंग सीकर और एवियोनिक्स से लैस है। इस परीक्षण से तीसरी पीढ़ी की मैन पोर्टेबल टैंक रोधी दिशा निर्देशित मिसाइल का विकास कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉक्टर जी सतीश रेड्डी ने इस सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों तथा संबंधित उद्योग को बधाई दी है।
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