भाेजपुरी, भोटी, राजस्थानी भाषाओं को आठवीं अनुसूची में लाने की मांग

नयी दिल्ली|लोकसभा में मंगलवार को भोजपुरी, भोटी और राजस्थानी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में लाने की मांग की गयी।भारतीय जनता पार्टी के जगदंबिका पाल ने सदन में नियम 377 के तहत यह मांग उठायी। उन्होंने सदन में दिये एक बयान में कहा कि भोजपुरी, भोटी एवं राजस्थानी तीनों अंतरराष्ट्रीय भाषाएं हैंद्य। आंकड़ों के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार एवं उत्तरी झारखंड में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा का ब्राजील, फिजी, गुयाना, मॉरीशस, सूरीनाम, दक्षिण अफ्रीका, त्रिनिदाद एवं टुबैगो आदि 16 देशों में लगभग 20 करोड़ लोग प्रयोग करते हैं।इसी प्रकार से भोटी भाषा भारत के लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों एवं सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में प्रचलित है जिसे नेपाल, भूटान एवं तिब्बत में बड़ी संख्या में लोग बोलते हैं। भूटान ने भोटी को आधिकारिक दर्जा दिया हुआ है। राजस्थानी भाषा को भी नेपाल ने आधिकारिक दर्जा दिया हुआ है।श्री पाल ने कहा कि 1969 से अब तक संसद में 19 बार इस आशय के गैर सरकारी विधेयक लाये गये और हर बार सरकार के आश्वासनों के बावजूद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाये गये।