लखनऊ, 29 मई।उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद मुख्यालय के नवनिर्मित भवन सभागार में आज सदन कार्डियक अरेस्ट (SCA) जागरूकता और सीपीआर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य आम जनता को हृदय संबंधी आपात स्थितियों में त्वरित सहायता देने हेतु प्रशिक्षित करना और जीवन रक्षक तकनीकों की जानकारी देना था।

विशेषज्ञों ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट किसी को भी, कभी भी और कहीं भी हो सकता है। भारत में हर वर्ष लगभग 6-7 लाख लोग SCA के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। यह स्थिति आमतौर पर अचानक हृदय की धड़कन रुक जाने से उत्पन्न होती है, जिससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों तक रक्त का प्रवाह रुक जाता है और व्यक्ति बेहोश होकर गिर पड़ता है।
यदि पीड़ित को तुरंत सहायता (तीन मिनट के भीतर) मिल जाए, तो जान बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। लेकिन जागरूकता की कमी और तकनीकी जानकारी के अभाव में अक्सर पीड़ितों की मृत्यु हो जाती है।
कार्यक्रम में यह बताया गया कि अगर आम लोग कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) जैसे जीवन रक्षक उपाय तुरंत अपनाएं, तो हर मिनट की देरी से बचाव की संभावना 10% तक कम हो जाती है। यह एक सरल और सीखने योग्य प्रक्रिया है।
कार्यशाला में संजय गांधी पीजीआईएमएस, लखनऊ के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर आदित्य कपूर ने प्रशिक्षण दिया। उन्होंने सीपीआर की तकनीक, AED (ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर) उपकरण का प्रयोग और एससीए की त्वरित पहचान के विषय में जानकारी दी।
यह कार्यशाला उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के आवास आयुक्त डॉ. बलकार सिंह एवं उप आवास आयुक्त श्रीमती पल्लवी मिश्रा के मार्गदर्शन में आयोजित की गई। परिषद के अधिकारियों, अभियंताओं और कर्मचारियों ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया और प्रशिक्षण प्राप्त किया।