जांच व इलाज में देरी से घायल की जानजोखिम में पड़ सकती है -डॉ. संदीप तिवारी

लखनऊ। हादसे में घायलों के इलाज में रेडियोलॉजी जांचें अहम हैं। सिटी स्कैन,अल्ट्रासाउंड, एक्सरे समेत दूसरी जांच कराकर चोट का आसानी से प्रबंधन किया जा सकता है। यह जानकारी केजीएमयू ट्रॉमा सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संदीप तिवारी ने दी।
डॉ. संदीप तिवारी शताब्दी भवन स्थित ट्रॉमा सर्जरी विभाग में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि ८ से १० नवम्बर तक केजीएमयू ट्रॉमा सर्जरी, इंडियनसोसाइटी आफ ट्रॉमा एंड एक्यूट केयर (आईएसटीएसी) का १४ वां वार्षिक सम्मेलन किया जा रहा है।अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में कार्यशाला होगी। इसमें देश-विदेश से ट्रॉमा विशेषज्ञशिरकत करेंगे। देश भर के सभी एम्स से विशेषज्ञ सम्मेलन को संबोधित करेंगे।डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि कई बार हादसे में घायलों को भीतरी चोट लग जाती है। जिसे बाहर सेदेखकर उसकी गंभीरता का अंदाज लगा पाना कठिन होता है। जांच व इलाज में देरी से घायल की जानजोखिम में पड़ सकती है। कार्यशाला में यूएसए से डॉ. मयूर नारायण, डॉ. ओलिविया, डॉ. डैन व्हाइटलीऔर डॉ. एमसी मिश्रा, डॉ. सुषमा सागर, डॉ. सुबोध कुमार, डॉ. अमित गुप्ता व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे।
८ नवंबर को सम्मेलन की शुरुआत पूरे दिन की गहन, व्यावहारिक कार्यशालाओं से होगी, जिसमें आघात और गंभीर देखभाल में आवश्यक कौशल और तकनीकों को शामिल किया जाएगा। ये कार्यशालाएँ आघात प्रबंधन में शामिल स्वास्थ्य पेशेवरों के कौशल को बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विशेष प्रशिक्षण और अभ्यास प्रदान करेंगी। कार्यशाला सत्रों के मुख्य आकर्षण में शामिल हैं।
ट्रॉमा २०२४ आधिकारिक तौर पर ९ नवंबर को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ट्रॉमा विशेषज्ञों के नेतृत्व वाले सत्रों के साथ शुरू होगा। आघात प्रबंधन, तीव्र देखभाल और रोगी-केंद्रित प्रथाओं में प्रगति की खोज करने वाले सत्रों के साथ, उपस्थित लोगों को आघात और गंभीर देखभाल में कुछ प्रतिभाशाली दिमागों से अंतर्दृष्टि प्राप्त होगी। विषयों में आपातकालीन सर्जरी में सर्वोत्तम अभ्यास, महत्वपूर्ण देखभाल नवाचार और आघात उपचार में प्रगति शामिल होगी।सम्मेलन का उद्घाटन ९ नवंबर को सुबह ०९ः३० बजे अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर, लखनऊ में होगा। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि ब्रिजेश पाठक , उप मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश सरकार हैं और विशिष्ट अतिथि मयंकेश्वर शरण सिंह r, राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण हैं।सम्मेलन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक प्रतिष्ठित संकाय को एक साथ लाएगा जो आघात और गंभीर देखभाल में अग्रणी हैं। डॉ. मयूर नारायण के अलावा, डॉ. ओलिविया, डॉ. डैन व्हाइटली और डॉ. एम.सी. मिश्रा, ट्रॉमा २०२४ में भारत और विदेश से कई अन्य उल्लेखनीय वक्ता शामिल होंगे जो मुख्य भाषण, पैनल चर्चा और इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से अपनी विशेषज्ञता साझा करेंगे।ट्रॉमा २०२४ क्यों मायने रखता है ।१० नवंबर को एमबीबीएस कार्यशाला मेडिकल छात्रों के लिए अपनी तरह का पहला अवसर है।
पहली बार, ट्रॉमा २०२४ १० नवंबर को एमबीबीएस छात्रों के लिए एक समर्पित कार्यशाला की मेजबानी कर रहा है। यह कार्यशाला एक अभूतपूर्व पहल है जिसका उद्देश्य स्नातक मेडिकल छात्रों को आघात देखभाल के लिए आवश्यक मौलिक कौशल से अवगत करना है। एमबीबीएस कार्यशाला बुनियादी आघात जीवन-बचत कौशल को कवर करेगी और आघात प्रबंधन सिद्धांतों के परिचय के रूप में काम करेगी। प्रतिभागियों को तकनीकों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त होगा।

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