यूनानी कॉलेज में प्रोस्टेट की भी सर्जरी, दो मरीज भर्ती

प्रयागराज।हिम्मतगंज स्थित यूनानी मेडिकल कॉलेज में बवासीर, भगंदर ही नहीं अब प्रोस्टेट की सर्जरी भी होने लगी है। चिकित्सालय में दो मरीज भर्ती हैं। चिकित्सकों की टीम ने एक मरीज की सर्जरी कर दी है जबकि दूसरे मरीज की सर्जरी करने की तैयारी चल रही है। राहत की बात यह है कि सर्जरी कराने के लिए मरीजों को ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ रहे हैं। उनकी सर्जरी यूनानी पद्धति के जरिये की जा रही है।यूनानी मेडिकल कॉलेज में हानिया, बवासीर, भगंदर, हाइड्रोसील आदि बीमारियों से पीडत मरीजों की सर्जरी पहले से ही हो रही थी। लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर के बाद यहां के डॉ. समीउल्ला खां ने प्रोस्टेस्ट की सर्जरी करनी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि दायराशाह अजमल के निवासी महमूद को पेशाब न होने की समस्या थी। उसने पिछले साल एक डॉक्टर को दिखाया था। पेशाब के लिए पाइप लगने की वजह से उसके पेट में कई तरह के इंफेक्शन शुरू हो गए। वह यहां पहली जुलाई को आया तो उसकी हालत देख भर्ती कर लिया गया। तीन जुलाई को उसकी यूनानी पद्धाति से सर्जरी की गई। उसकी प्रोटेस्ट ग्लैंड निकाल दी गई। इससे उसके पेट में होने वाला इंफेक्शन खत्म हो गया। अब वह सामान्य जीवन जी रहा है।कॉलेज के वार्ड में प्रोटेस्ट का एक और मरीज भर्ती है। वह अकबरपुर का रहने वाला है। हालांकि, उसकी अभी सर्जरी नहीं हुई है। यूनानी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनवार अहमद ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद से अब तक छह मरीजों की सर्जरी हो चुकी है। इसके लिए डॉ. इब्राहिम की अगुवाई में टीम बनाई है। टीम में डॉ. समीउल्ला खां और डॉ. आरके यादव आदि शामिल हैं। यूनानी विधि से सर्जरी कराने पर मरीजों के पैसा भी अधिक नहीं खर्च करना पड़ रहा है। तीन-चार हजार रुपये में उनका उपचार हो रहा है।यूनानी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनवार अहमद ने बताया कि शासन के निर्देश पर स्नातक की तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष की कक्षाएं जून से ही शुरू कर दी गईं थीं, लेकिन अब प्रथम और द्वितीय वर्ष की कक्षाएं भी चलने लगी हैं। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में ओपीडी और आईपीडी सेवा को भी शुरू कर दिया गया है। उधर, हंडिया स्थित आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और फाफामऊ स्थित होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में भी स्नातक की कक्षाएं चल रही हैं।एलोपैथ में गठिया के उपचार में अभी तक कोई बेहतर दवा न होने की वजह से प्रदेश के आयुष मंत्रालय ने यूनानी मेडिकल कॉलेज को इसके उपचार में शोध के लिए २५ लाख रुपये का बजट जारी किया है।