टोक्यो। आगामी टोक्यो ओलंपिक खेलों के दौरान भव्य उदघाटन समारोह होगा। इसमें जापान अपनी प्रगति को दिखाते हुए सर्वश्रेष्ठ तकनीक का इस्तेमाल करेगा। पूरा समारोह हाईटेक होगा और इममें एक से एक नजारे देखने को मिलेंगे। इस समारोह में मानव निर्मित उल्का वर्षा (तारों की बारिश) विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी। उल्का वर्षा टोक्यो उदघाटन समारोह की विशेष प्रस्तुति होगी। टोक्यो सिर्फ वैश्विक खेल आयोजन ही नहीं है बल्कि तकनीकों का अनावरण करने के लिए एक बड़े मंच के रूप में भी देखा जा रहा है। जिसका जापान पूरा उपयोग करेगा। आयोजन समिति ने पैरा खिलाड़ियों के लिए ने ह्यूमन सपोर्ट रोबोट (एच.एस.आर.) लॉन्च किया है जोकि दिव्यांग खिलाडिय़ों के लिए जरूरी सामान जैसे खाना लाने, बैग उठाने जैसे काम करेंगे। टोक्यो में रोबोट प्रोग्रामिंग से स्टेडियम में व्हीलचेयर सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। प्रबंधन का कहना है कि यह रोबोट 2030 में ब्रिकी के लिए मार्केट में आएगा। खेलों के दौरान जरुरी कामों के लिए रोबोट का इस्तेमाल होगा। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के तहत रोबोट मैदान में भाला या चक्का उठाते नजर आएंगे। ऐसे करीब 10 रोबोट होंगे जो अलग-अलग काम करेंगे।ओलिम्पिक में सेल्फ-ड्राइविंग वाहनों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। यह हवाई अड्डे से ओलिम्पिक गांव और टोक्यो में विभिन्न ओलिम्पिक स्थानों के आसपास रहेंगे। रिपोर्टों के अनुसार सरकार ने इस विशेष अवधि के दौरान लगभग 100 सैल्फ-ड्राइविंग वाहन सेवा में रखने की योजना बनाई है। इस तकनीकी से जापान सरकार न सिर्फ एथलीट्स की मदद करेंगी बल्कि यह अगली पीढ़ी के लिए आसान परिवहन का रास्ता खोलेगा। इससे सड़क दुर्घटनाएं तो कम होंगी ही साथ ही साथ यातायात की भीड़ से भी बचा जा सकेगा। इसके अलावा फैशियल रिकग्निशन तकनीक की पहचान के जरिये ओलिम्पिक के आयोजन स्थलों पर एथलीटों, स्टाफ सदस्यों और अन्य व्यक्तियों की सुरक्षा जांच की जाएगी। इससे समय की भी बचत होगी। दुनिया भर में कोविड-19 के प्रकोप के बाद चेहरे की पहचान द्वारा ही यह स्पर्श रहित सुरक्षा जांच प्रक्रिया लोकप्रिय हो रही है। हर जगह इस तकनीक से महत्वपूर्ण स्थानों पर आने-जाने की अनुमति मिलेगी। इससे कोई भी संक्रमित पाया जाया तो तत्काल उसकी पहचान हो सकेगी। इससे संक्रमण का खतरा भी घटेगा।
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