लखनऊ, 06 अक्टूबर 2024 (उप्रससे)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से समबद्ध संस्था प्रेरणा के तत्वावधान में रविवार को 5100 कन्याओं का पूजन किया गया। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कन्याओं के पैर पखारे, उनके माथे पर तिलक लगाकर पूजन किया तथा प्रसाद ग्रहण कराया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। सभी कन्याएं राजधानी की सेवा बस्तियों से आयी थीं। इस कार्यक्रम के माध्यम से संघ ने समरसता का संदेश दिया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि कन्याओं की उपस्थिति से आज राजभवन पवित्र हो गया है। कन्या ही माँ दुर्गा व माँ अम्बा हैै। कन्याएं ही सर्वशक्तिमान हैं। उन्होंने कहा सेवा बस्ती के बच्चे स्वस्थ रहें और बीमारियों से मुक्त रहें। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में कन्याओं के महत्व को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट के कारण गरीब परिवार के बच्चों की परवरिश और शिक्षा प्रभावित हो जाती है। समाज का यह कर्तव्य है कि ऐसे बच्चों हेतु शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधा दायित्वपूर्वक उपलब्ध कराए। इस अवसर पर राज्यपाल ने देवी मां की पूजा-अर्चना एवं आरती की तथा कन्याओं का विधिवत पूजन कर उन्हें भोज भी कराया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त के प्रान्त प्रचारक कौशल ने कहा कि नारी अबला नहीं सबला है। नारी शक्ति स्वरूपा है। नारी शक्ति के प्रति श्रद्धा का भाव पैदा करने और आनी वाली पीढ़ी को संस्कारों से परिचित कराने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम किया जा रहा है।
राजभवन में आयोजित कन्या पूजन कार्यक्रम में 5100 कन्याओं को पूजन के बाद शिक्षण संबधित सामग्री उपहार स्वरुप दिया गया। सभी कन्याओं के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। पूजन के बाद सभी कन्याओं ने प्रसाद/भोजन ग्रहण किया। प्रेरणा और प्रसादम संस्थान की ओर से इसकी व्यवस्था की गई थी।
राजधानी के राजाजीपुरम की इनोवेशन फॉर चेंज सोसाइटी की 21 कन्याओं ने मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इन कन्याओं ने सबसे पहले या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: से अपने कार्यक्रम की शुरुआत की। कालिका स्तुति पूरे कार्यक्रम स्थल को भक्तिमय बना दिया। इन कन्याओं ने जब अयि गिरि नन्दिनी नन्दिती मेदिनि, विश्व विनोदिनी नन्दिनुते। गिरिवर विन्ध्यशिरोधिनिवासिनी, विष्णु विलासिनीजिष्णुनुते। भगवति हे शितिकण्ठ कुटुम्बिनी, भूरि कुटुम्बिनी भूत कृते। जय जय हे महिषासुर मर्दिनी, रम्य कपर्दिनी शैलसुते गीत पर सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति ने मंच पर नौ दुर्गा शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री का रूप देखने को मिला। कालिका स्तुति की मनमोहक प्रस्तुति देने वाली कन्याओं का नाम प्रमुख रूप से स्नेही, सगुन, सानिया, वर्तिका, पायल, लक्ष्मी, राधिका, राशि, चांदनी, काजल, रशिका, ज्योति, रंजना, महिमा, अनोखी, अंशिका, अनन्या है।