बच्चों में होने वाले कैंसर पर आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम
कैंसर को हराने वाली युवती रही मुख्य अतिथि
कैंसर को हराने वालों ने सुनाई जीत की कहानी, प्रस्तुत किया नाटक
लखनऊ। सितंबर को चाइल्डहुड कैंसर अवेयरनेस (बच्चों में होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता) माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस मौके पर बच्चों में होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता और बचाव को लेकर अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने बड़ी पहल की है। अपोलो हॉस्पिटल ने रविवार को संकल्प का आयोजन किया। इसका थीम रहा संकल्प कैंसर को हराने का। इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि 21 वर्षीय कैंसर विजेता युवती रही। उसने बचपन में ही कैंसर से जंग जीत ली।
इस आयोजन में अपोलो अस्पताल के साथ डीजीस्वास्थ्य, बच्चों में कैंसर जागरूकता को लेकर काम कर रही एनजीओ कैनकिड्स-किड्सकैन और स्पोर्टस पार्टनर डेकाथलॉन शामिल है। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण रहा साइक्लोथान फॉर कॉज। इस साइक्लोथॉन में 250 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। यह एलडीए कॉलोनी स्थित अपोलो मेडिक्स अस्पताल से सुबह शुरू हुआ। इसके बाद कैंसर जागरूकता साइकिल रैली बंगला पुल चौराहे से जेल रोड, होमगार्ड चौराहा होते हुए कांशीराम स्मारक स्थल से मुड़कर वापस बंगला पुल होते हुए अपोलो मेडिक्स हॉस्पिटल पर आकर पूरी हुई। लखनऊ वासियों ने साइक्लोथान के जरिए कैंसर को हराने का संदेश दिया।
कैंसर को हराने वालों ने सुनाई जीत की कहानी
इस कार्यक्रम के केन्द्र में कैंसर को हराने वाले विजेता रहें। करीब 70 से अधिक कैंसर विजेता कार्यक्रम में शिरकत किया। वह कैंसर से जंग की अपनी कहानियां सुनाई। इसके अलावा वह लखनऊ वासियों को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया। जिसमें कैंसर से जंग जीत चुके 11 सर्वाइवर ने बीमारी की शुरूआत से कैंसर के खात्मे तक की कहानी को नाट्य रूप में प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कैंसर को हराने वाली 21 वर्षीय युवती मौजूद रहीं। उसके परिजनों को सिर्फ दो वर्ष की उम्र मासूम में कैंसर का पता चला था। इलाज से कैंसर को हरा चुकी युवती अब अपने पैरों पर खड़ी हैं। अब वह कैंसर के मरीजों को प्रोत्साहित करती है। इस दौरान विशेष अतिथि के तौर पर केजीएमयू के सीएमएस प्रो बीके ओझा और म्यूनिसिपल कमिश्नर इंद्रजीत सिंह (आईएएस) मौजूद रहें। कैंसर वॉरियर्स में से दो को साइकिल पुरस्कार के तौर पर दी गई। जबकि साइक्लोथान के प्रतिभागियों में से एक को साइकिल दी गई। इस आयोजन में सीआरपीएफ के सेवानिवृत डीजी डॉ एपी महेश्वरी (आईपीएस) भी मौजूद रहें।
अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक ऑंकोलॉजी और हेमेटोलॉजी की विभागाध्यक्ष प्रो अर्चना कुमार ने कहा कि बच्चों में कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ रही है। राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनसीआरपी) की रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर के कुल मरीजों में 0-14 आयु वर्ग के बच्चे करीब चार प्रतिशत है। बच्चों में होने वाला कैंसर ग्लोबली चाइल्ड डेथ का पांचवा मुख्य कारण है। ल्यूकेमिया यानी ब्लड कैंसर 15 साल से कम उम्र के बच्चों में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है।
अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक व सीईओ डॉ मयंक सोमानी ने बताया कि बच्चों में कैंसर के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जागरूकता से इसे बचा जा सकता है। खास बात यह है कि बच्चों में कैंसर के ज्यादातर बीमारियों का सटीक इलाज संभव है। जरूरत है कैंसर के सही समय पर पहचान की। बच्चों को इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल कार्यक्रम का आयोजन किया है।